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Central Cabinet: छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों की कई जनजातियां ST में होंगी शामिल, मोदी कैबिनेट ने लगायी मुहर

जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिझिया समुदाय को ओडिशा और झारखंड में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं था. उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में कई जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव है.

छत्तीसगढ़ में ST की सूची में बिझिया समुदाय को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र के हट्टी समुदाय को अधिसूचित अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति की सूची में बिझिया समुदाय तथा तमिलनाडु के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नारिकुर्वन और कुरिविकरण समुदाय को भी इस सूची में शामिल करने के प्रस्ताव वाले संविधान संशोधन विधेयकों को भी मंजूरी प्रदान की गई. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने यह जानकारी दी.

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हट्टी समुदाय के करीब 1.6 लाख लोगों को सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ

संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022 के कानून बनने के बाद सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र में रहने वाले हट्टी समुदाय के करीब 1.6 लाख लोगों को अनुसूचित जनजाति के लिये बनाई गई सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा. सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र के हट्टी समुदाय के लोग लम्बे समय से यह मांग कर रहे थे कि उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में जौनसार क्षेत्र में ऐसे ही लोगों को यह दर्जा प्राप्त है. ऐसे में यह ऐतिहासिक निर्णय किया गया है.

बिझिया समुदाय को छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने को भी मंजूरी

जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिझिया समुदाय को ओडिशा और झारखंड में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं था. उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है. इसे राज्य से सिफारिश आने, भारत के महापंजीयक से सलाह करने और अंतर मंत्रालयी विमर्श के बाद मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया और इसे मंजूरी मिली. मुंडा ने कहा कि मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नारिकुर्वर और कुरूविकरण को भी इस सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

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