मेडिकल जर्नल द लांसेट के संपादकीय में एक लेख छपा है. जिसमें भारत में तेजी से फैलते कोरोना संकट के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. जर्नल के लेख में यह कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने न सिर्फ सुपरस्प्रेडर धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों को होने दिया, बल्कि देश में वैक्सीशनेश कैंपेन भी धीमा किया. इस कारण भारत में कोरोना इतना विकराल रूप ले लिया.
संपादकीय में यह भी लिखा गया है कि सरकार को कोरोना फैलने को लेकर चेतावनी भी जारी की गई थी, लेकिन सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया. और आयोजनों को बदस्तूर जारी रहने दिया. सरकार ने सुपरस्प्रेडर धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों के जोखिम को लेकर सभी चेतावनियों को दरकिनार कर दिया. इन आयोजनों में देश के लाखों लोगों ने हिस्सा लिया. जिससे कोरोना तेजी से फैला.
राजनीतिक रैलियों भी जारी रहीः लांसेट में छपे संपादकीय में यह भी कहा गया है कि, देश में दर्जनों चुनावी रैलियां की गईं. इन रैलियों में लाखों लोगों ने भी हिस्सा लिया. साथ ही कोरोना प्रटोकॉल्स की भी धज्जियां उड़ाई गई. गौरतलू है कि 5 राज्यों में हुए चुनाव में राजनीतिक दलों ने जमकर रैलियां की.
कोरोना प्रोटोकॉल की हुई अनदेखीः धार्मिक और राजनीतिक रैलियों में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान कोरोना की रोकथाम संबंधी नियमों और गाइडलाइंस की पूरी तरह अनदेखी की गई. जिसके कारण तोजी से कोरोना लोगों के बीच फैला. वहीं, जिस दौर में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े कम आ रह थे, उसमें यह संदेश तक दिया गया कि अब कोरोना हार रहा है.
चेतावनियों को किया गया नजरअंदाजः पत्रिका के लेख में यह भी कहा गया है कि, केन्द्र सरकार ने कोरोना की चेतावनियों को पूरी तरह नजरअंदाज किया है. जब कोरोना के आंकड़े कम आ रहे थे तो केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री इसे कोरोना पर जीत करार दिया था. और तमाम गाइडलाइन और प्रोटोकाल्स की अनदेखी कर रैलिया और धार्मिक आयोजन किए गये.
देश में अब तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामलेः गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में पूरे देश में कोरोना के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. आलम यह है कि, हर दिन संक्रमितों की संख्या 4 लाख के पार जा रही है. जबकि, देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा ढ़ाई लाख के करीब पहुंचने वाला है.
Posted by: Pritish Sahay