नयी दिल्ली : भारत में लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र बढ़कर 18 साल से 21 साल हो सकती है. केंद्र सरकार शादी की उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है. सरकार ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. समिति अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई को सौपेंगी. इसके बाद सरकार शारदा अधिनियम 1929 में संशोधन कर सकती है.
पहले लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 15 वर्ष तय की गयी थी. बाद में, 1978 में इसमें संशोधन कर लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और पुरुषों की 21 वर्ष कर दी गयी है. इस अधिनियम में एक बार संशोधन की कवायद चल रही है. सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसकी अध्यक्ष भाजपा की वरिष्ठ नेता जया जेटली होगी. यह समिति मां बनने की आयु संबंधित मामले पर जांच करेगी.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी साल 2020-2021 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए इस बात के संकेत दिये थे. उन्होंने उसी समय महिलाओं के मां बनने की सही उम्र निर्धारित करने के लिए एक टास्क फोर्स के गठन का एलान किया था. सरकार लड़कियों के मां बनने की उम्र और उनकी शिक्षा को लेकर चिंतित है. ऐसा माना जाता है कि शादी के बाद लड़कियों की शिक्षा में रुकावट आती है.
सरकार ने टास्क फोर्स को यह निर्देश दिया है कि वह लड़कियों की उच्चतर शिक्षा, मां बनने का सही समय, शादी की उम्र सीमा आदि की समीक्षा करे. टास्क फोर्स में जया जेटली के अलावा नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, प्राथमिक और उच्च शिक्षा और विधायी विभाग के सचिव, नजमा अख्तर, वसुधा कामथ और दीप्ति शाह भी इस टास्क फोर्स में बतौर सदस्य शामिल हैं.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha