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चार लेबर कोड के ड्राफ्ट नियमों पर सलाह-मशविरा पूरा
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राज्य नियमों को बनाने के लिए कर रहे हैं काम
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कर्मचारियों से हफ्ते में चार दिन काम लेने को इच्छुक हैं ज्यादातर नियोक्ता
भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने लेबर कोड के तहत चार नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. इन चार कोड के ड्राफ्ट नियमों पर परामर्श की प्रक्रिया भी पूरी हो गयी है. जिसके बाद अब इसे नोटिफाई कर अमलीजामा पहना दिया जाएगा. इससे पहले इन चार कोड को भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद से ही अधिसूचित किया जा चुका है. अब इन चारों कोड को लागू करने के लिए नियमों को अधिसूचित किए जाने की जरूरत है. वहीं, राज्य इन चार कोड के तहत नियमों को बनाने के लिए काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि, नये श्रम कानून से संगठित और असंगठित कामगारों को कई नयी सुविधाएं मिलने की राह आसान हो जाएगी. हालांकि, कंपनियों को पहले से ज्यादा अधिकार मिलेंगे. यहांतक की, कर्मियों को उनकी नौकरी से निकालना मालिकों के लिए इससे और आसान हो जायेगा. लेकिन इसमें कई बातें ऐसी है जिससे कामगारों को भी लाभ पहुंचेगा.
बता दें, नये कानून में सभी कामगारों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य किया गया है. साथ ही वेतन का भी डिजिटल भुगतान करना होगा. सरकार ने पिछले साल 2020 में सदन में तीन लेबर कोड बिल पास किया था. इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल-2020, सोशल सिक्योरिटी बिल- 2020 और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल-2020 शामिल हैं.
गौरतलब है कि, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने हाल में ही बताया था कि चारों श्रम संहिताओं के लिए नियमों को अंतिम रूप देने का काम तेजी से चल रहा है, और आने वाले कुछ दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा. इस प्रक्रिया में सभी संबंधित पक्षों से राय भी ली गई है. वहीं, अब मंत्रालय ने चार कोड के ड्राफ्ट नियमों पर परामर्श प्रक्रिया पूरा कर लिया है. वहीं, श्रम सचिव अपूर्वा चंद्र ने कहा कि, हमने चार कोड के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है.
सप्ताह में चार दिन काम की अनुमति देने की तैयारी: वहीं, नई श्रम संहिताओं में सरकार हफ्ते में चार दिन काम की अनुमति पर भी गौर कर रही है. लेकिन, हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे काम की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. ऐसे में एक दिन में कोई 12 गंटे काम करेगा तभी उसे हफ्ते में चार दिन काम करना पड़ेगा. हालांकि इस बारे में श्रम एवं रोजगार सचिव अपूर्व चंद्रा ने चिंता जताते हुए इसे फ्लैग्जिबल बनाने की बात कही थी.
Posted by: Pritish Sahay