नयी दिल्ली: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022) के खत्म होने के बाद केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) के दुष्प्रचार को रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विदेश आधारित ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ (Punjab Politics TV) की ऐप, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट को बैन कर दिया है.
पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान कथित तौर पर जन व्यवस्था बिगाड़ने के लिए एक ऑनलाइन मंच का इस्तेमाल करने की कोशिश के सिलसिले में मंगलवार को केंद्र सरकार ने ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ के ऐप्स (Punjab Politics TV Apps) और सोशल मीडिया अकाउंट्स (Social Media Accounts of Punjab Politics TV) के साथ-साथ वेबसाइट (Website of Punjab Politics TV) पर भी रोक लगा दी है. यह प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) से संबद्ध है.
एसएफजे (SFJ) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान जन-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए चैनल द्वारा ऑनलाइन मीडिया का उपयोग करने की खुफिया जानकारी के आधार पर, मंत्रालय ने 18 फरवरी को प्रौद्योगिकी नियमों के तहत आपात शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ के डिजिटल मीडिया मंचों (Digital Media Platforms) पर रोक लगा दी.’
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि अवरुद्ध ऐप, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट की सामग्री सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने, अलगाववाद को भड़काने वाली थी. उन्हें भारत की संप्रभुता एवं अखंडता, राज्य की सुरक्षा तथा सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक पाया गया.
.@MIB_India orders blocking of apps, website, and social media accounts of foreign-based “Punjab Politics TV” having close links with Sikhs For Justice
Government remains vigilant and committed to secure the overall information environment in India
🔗https://t.co/YGSwx3Ixxe pic.twitter.com/8VpFijoIDx
— PIB India (@PIB_India) February 22, 2022
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘यह भी पाया गया कि चल रहे चुनाव के दौरान नये ऐप जारी किये गये और नये सोशल मीडिया अकाउंट बनाये गये. भारत सरकार, भारत में समग्र सूचना वातावरण को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क एवं प्रतिबद्ध है और भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को कमजोर करने की क्षमता वाले किसी भी कृत्य को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान हुआ था और मतगणना 10 मार्च को होगी. बता दें कि अमेरिका आधारित एसएफजे के नेता गुरपतवंत सिंह पनुन पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद (Militancy in Punjab) को फिर से बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. ये लोग ‘पंजाब रेफरेंडम 2020 फॉर खालिस्तान’ (Punjab Referendum 2020 for Khalistan) के बैनर तले पंजाब के विभाजन की साजिश रच रहे हैं. ये लोग ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी (Germany) और अन्य देशों में भारत के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं.
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बता दें कि पतवंत सिंह पनुन (SFJ leader Gurpatwant Singh Pannun) को सरकार ने UAPA की चौथी सूची का ‘आतंकवादी’ घोषित कर रखा है. पंजाब में उसकी संपत्तियों को भी अटैच कर दिया गया है. दिसंबर 2020 में पनुन के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चार्जशीट पेश की थी. जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गयी थी, उनमें पनुन के अलावा ब्रिटेन में रहने वाले परमजीत सिंह पम्मा और कनाडा में रहने वाले हरदीप सिंह निज्जर शामिल हैं.
इन लोगों पर आरोप है कि एसएफजे के बैनर तले ‘ह्यूमन राइट्स एडवोकेसी ग्रुप’ (Human Rights Advocacy Group) के कार्यालय अमेरिका (USA), कनाडा (Canada), ब्रिटेन (United Kingdom) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) समेत कई देशों में चलते हैं. ये लोग पाकिस्तान (Pakistan) समेत देश के अलग-अलग देशों की जमीन से खालिस्तानी आतंकवादी समूहों की अगुवाई करते हैं.
Posted By: Mithilesh Jha