केंद्रीय गृहमंत्री की शर्त किसानों का अपमान, बुराड़ी प्रदर्शन स्थल एक ‘खुली जेल’ : भारतीय किसान संघ क्रांतिकारी
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन के लिए निश्चित प्रदर्शन स्थान पर किसानों के पहुंचने के बाद बातचीत की बात कहे जाने के बाद भारतीय किसान संघ क्रांतिकारी, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा है कि बातचीत के लिए रखी गयी शर्त को किसानों का अपमान बताया है. साथ ही उन्होंने बुराड़ी स्थित प्रदर्शन स्थल को खुली जेल करार दिया है.
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन के लिए निश्चित प्रदर्शन स्थान पर किसानों के पहुंचने के बाद बातचीत की बात कहे जाने के बाद भारतीय किसान संघ क्रांतिकारी, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा है कि बातचीत के लिए रखी गयी शर्त को किसानों का अपमान बताया है. साथ ही उन्होंने बुराड़ी स्थित प्रदर्शन स्थल को खुली जेल करार दिया है.
We want to apologise to media for misbehaviour with them by a few protesters unknowingly. To avoid such situations in future, we've decided that after every meeting, an official press note will be released by us for media: Surjeet Singh Phul, President, BKU Krantikari (Punjab) https://t.co/7EJ3zMiTOT pic.twitter.com/J754KOrAJ9
— ANI (@ANI) November 29, 2020
भारतीय किसान संघ क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि ”बातचीत के लिए रखी गयी शर्त किसानों का अपमान है. हम कभी बुराड़ी (उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित संत निरंकारी ग्राउंड) नहीं जायेंगे. यह पार्क नहीं, बल्कि एक खुली जेल है.”
साथ ही उन्होंने कहा कि ”हमने तय किया है कि हम कभी भी बुराड़ी पार्क नहीं जायेंगे, क्योंकि हमें सबूत मिला कि यह एक खुली जेल है. दिल्ली पुलिस ने उत्तराखंड किसान एसोसिएशन के अध्यक्ष से कहा कि वे उन्हें जंतर-मंतर पर ले जायेंगे, लेकिन उन्हें बुराड़ी पार्क में बंद कर दिया.”
मालूम हो कि केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली-हरियाणा सीमा स्थित सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर लगातार चौथे दिन अपना प्रदर्शन जारी रखा. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील की थी कि वे बुराड़ी स्थित मैदान पहुंचे. वहां जाने के बाद केंद्र सरकार वार्ता को तैयार है.
सिंघू बॉर्डर पर मौजूद किसानों का कहना है कि एक दिसंबर से राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. मांगे माने तक हम प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे. साथ ही कहा कि हम दिल्ली-हरियाणा सीमा पर ही डटे रहेंगे.