‘सेंट्रल विस्टा’ पर भ्रम फैलाया गया, सच सामने आने पर आलोचक हुए चुप्प, पीएम नरेंद्र मोदी ने कही ये बात

Central Vista Project : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक बनाएगा. ये अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2021 12:22 PM
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Central Vista Project : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सेंट्रल विस्टा’ वेबसाइट गुरुवार को लॉन्च किया. इस अवसर पर वो विरोधियों पर हमला करते नजर आये. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की गई. सच सामने आने पर आलोचक चुप गये. जो काम आजादी के बाद होना चाहिए था वो 2014 के बाद अब हो रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्रालय के नए दफ्तरों का उद्घाटन किया और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के आलोचकों को घेरते वक्त उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि नए रक्षा कार्यालय परिसर हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करेंगे.

एक से एक आधुनिक हथियारों से लैस करने का प्रयास

आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक बनाएगा. ये अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत की सैन्य ताक़त को हर तरह से मज़बूत बनाने में जुटे हैं. एक से एक आधुनिक हथियारों से लैस करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में देश की सुरक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने परिसरों में हो वह कैसे संभव हो सकता है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर केंद्र कर रहे हैं. इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका होनी चाहिए. सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है.

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पुराने रक्षा परिसर जर्जर हो गए थे : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम नरवणे भी उनके साथ थे. इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पुराने रक्षा परिसर इतने जर्जर हो गए थे कि टूटने के कगार पर थे. अब 7,000 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी नए परिसर में अच्छी कार्यकारी परिस्थितियों में काम करने में सक्षम होंगे. ये परिसर 21वीं सदी की ज़रूरतों के हिसाब से बने हैं और यहां हर तरह की सुविधाएं भी हैं.

Posted By : Amitabh Kumar

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