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कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ डोज की संशोधित दर पर होगी खरीद, बढ़ाया जाएगा टीकों का उत्पादन

इस साल के दिसंबर तक सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 37.5 करोड़ और भारत बायोटेक से 28.5 करोड़ खुराक की खरीद करेगी. उन्होंने बताया कि अगस्त और दिसंबर के बीच कोरोना के इन दोनों टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ और खुराकें 205 रुपये और 215 प्रति खुराक की दर से खरीदी जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2021 4:31 PM

नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना रोधी टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन की करीब 66 करोड़ डोज खरीदने का ऑर्डर दिया है. देश के विभिन्न राज्यों को अगस्त और दिसंबर महीने के दौरान इन दोनों दवाओं की खेप भेजी जाएगी. सरकार ने इन दोनों दवाओं को संशोधित दरों पर खरीदा है. सरकार की ओर से कोविशील्ड की नई दर 205 रुपये और कोवैक्सीन की 215 रुपये प्रति खुराक तय की है. इस दर में टैक्स को जोड़ा नहीं गया है.

सरकार के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने खबर दी है कि इस साल के दिसंबर तक सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 37.5 करोड़ और भारत बायोटेक से 28.5 करोड़ खुराक की खरीद करेगी. उन्होंने बताया कि अगस्त और दिसंबर के बीच कोरोना के इन दोनों टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ और खुराकें 205 रुपये और 215 प्रति खुराक की दर से खरीदी जाएगी, जिसमें कर शामिल नहीं होगा.

उन्होंने बताया कि अगर इन दोनों दवाओं पर टैक्स का निर्धारण कर दिया जाए, तो कोविशील्ड की कीमत 215.25 रुपये और कोवैक्सीन की 225.75 रुपये प्रति खुराक हो जाएगी. बता दें कि फिलहाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 150 रुपये प्रति खुराक की दर से दोनों टीकों को खरीद रहा है.

मंत्रालय की ओर से संकेत दिया गया है कि 21 जून से नई कोरोना टीका खरीद नीति के प्रभाव में आने के बाद से कीमतों में संशोधन किया जाएगा. नई नीति के तहत मंत्रालय देश में दवा कंपनियों द्वारा निर्मित 75 फीसदी टीके खरीदेगा. सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने दोनों दवा कंपनियों को उत्पादन क्षमता बढ़ाने को कहा है.

उधर, टीका निर्माता कंपनियों ने भी संकेत दिया है कि उत्पादन बढ़ाने के लिए निवेश के समय प्रति खुराक 150 रुपये प्राप्त करना उनके लिए व्यावहारिक नहीं है. केंद्र सरकार ने प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण की मांग के बाद इससे पहले राज्यों और निजी अस्पतालों को 50 फीसी टीके की खरीद की अनुमति दी थी.

हालांकि, कई राज्यों की ओर से धन जुटाने समेत कई तरह की समस्याओं की शिकायत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 जून को टीका दिशानिर्देश की समीक्षा की घोषणा की. घरेलू टीका निर्माता कंपनियों को निजी अस्पतालों को अपने मासिक उत्पादन का 25 फीसदी देने का विकल्प दिया गया है.

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Posted by : Vishwat Sen

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