छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार, कौन बनेगा मुख्यमंत्री? बस्तर में ऐसा रहा प्रदर्शन, 16 वोट से किसकी हुई जीत?
Chhattisgarh Chunav Results|भाजपा और कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा 2.09 फीसदी वोट बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को मिले हैं. जनता छत्तीसगढ़ कांग्रेस (जे) को 1.24 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं. इससे ज्यादा मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. अन्य दलों को 5.54 फीसदी वोट मिले हैं.
Chhattisgarh Chunav Results|छत्तीसगढ़ में तस्वीर अब पूरी तरह से साफ हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने जा रही है. भाजपा ने छत्तीसगढ़ की 90 में से 54 सीटें जीत लीं हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों से ज्यादा है. इस बार उसे पिछले चुनाव की तुलना में 39 सीटों का फायदा हुआ है, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को 33 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है. इस बार बस्तर संभाग में भाजपा का प्रदर्शन पिछले चुनाव (वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव) की तुलना में बेहतर रहा. 2018 में बस्तर संभाग में सिर्फ एक सीट जीतने वाली बीजेपी ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में सात सीटें जीतीं हैं. उसके उम्मीदवारों ने मोहम्मद अकबर जैसे कद्दावर नेता को पराजित कर दिया है. पहली बार छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों के किसी उम्मीदवार को सफलता नहीं मिली. यहां तक कि सूबे के दिवंगत मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी जनता छत्तीसगढ़ कांग्रेस (जे) के भी सभी उम्मीदवार इस बार हार गए. सीपीआई के मनीष कुंजाम ने कोंटा में कुछ देर के लिए बढ़त बना ली थी. ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के कद्दावर नेता कवासी लखमा इस बार चुनाव हार जाएंगे, लेकिन बाद में लखमा और भाजपा के सोयम मुका दोनों के वोट में वृद्धि हुई और मनीष कुंजाम तीसरे नंबर पर पहुंच गए. छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव अंबिकापुर से चुनाव हार गए हैं. छत्तीसगढ़ के रुझानों के बाद पार्टी के नेताओं का मिजाज भांपने के लिए प्रदेश प्रभारी डॉ मनसुख मंडाविया रायपुर पहुंच गए. उम्मीद है कि वह पार्टी के विधायकों की राय से केंद्र को अवगत कराएंगे कि वे किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बैठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुना. तीन राज्यों में शानदार जीत दर्ज करने के बाद नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया.
भाजपा को 46 फीसदी से अधिक मत मिले
भाजपा के वोट प्रतिशत की बात करें, तो इस बार उसे 46.30 मत प्राप्त हुए हैं, जबकि कांग्रेस को 42.14 फीसदी वोट मिले हैं. भाजपा और कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा 2.09 फीसदी वोट बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को मिले हैं. जनता छत्तीसगढ़ कांग्रेस (जे) को 1.24 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं. इससे ज्यादा मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. अन्य दलों को 5.54 फीसदी वोट मिले हैं. मतगणना शुरू होने से पहले कांग्रेस ने जीत के बड़े-बड़े दावे किये थे. कांग्रेस के बड़े नेताओं ने दावा किया कि इस बार पार्टी 75 से अधिक सीटें जीतेगी और फिर से सरकार बनाएगी. वहीं, भाजपा नेता डॉ रमन सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि पार्टी 50 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगी.
अरुण साव ने मतगणना से पहले दिया था ये बयान
अरुण साव ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी डरी हुई और नर्वस है. कहा कि कांग्रेस इस बार सत्ता से बाहर जा रही है और कमल का फूल खिल रहा है. उन्होंने कहा कि जब भी कांग्रेस पार्टी को लगता है कि वह चुनाव हार चुकी है या हार रही है, तो वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर आरोप लगाना शुरू कर देती है. कई बार तो वह संविधान पर ही आरोप मढ़ देती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव हार रही है. छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया है. लेकिन, ताम्रध्वज साहू ने कहा कि कांग्रेस 75 सीटें जीतकर फिर से छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने जा रही है. भिलाई से कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि जनता ने भूपेश बघेल सरकार के पांच साल का कामकाज देखा है. एक बार फिर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.
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भाजपा ने प्रोजेक्ट नहीं किया सीएम का चेहरा
बता दें कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में लगातार 15 साल तक सरकार चलाने वाली भाजपा को कांग्रेस ने बुरी तरह से पराजित किया था. भाजपा सिर्फ 15 सीटें ही जीत पाई थी. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने 90 में से 68 सीटें जीतकर छत्तीसगढ़ में इतिहास रच दिया था. तब क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों ने भी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन, इस बार क्षेत्रीय दलों का पत्ता साफ हो गया. मुकाबला कांग्रेस बनाम भाजपा हो गया. सिर्फ गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने एक सीट पर जीत दर्ज की है. पाली-तानाखार सीट पर जीजीपी के तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम ने 714 वोट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की दुलेश्वरी सीदर को पराजित किया है. रामदयाल उइके एक बार फिर तीसरे स्थान पर रहे. उन्हें 46,522 वोट मिले, जबकि दुलेश्वरी को 60,148 और तुलेश्वर को 60,862 मत मिले. इसके अलावा अन्य दल का कोई उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका. अब देखना यह है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कौन बनता है, क्योंकि भाजपा ने किसी को सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट नहीं किया था. बता दें कि डॉ रमन सिंह के अलावा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव समेत कई लोग मुख्यमंत्री के दावेदार हो सकते हैं. भाजपा किसी नए चेहरे को भी आगे कर सकती है.
16 वोट से जीते आशा राम नेताम
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि इस बार भाजपा के दो ऐसे उम्मीदवार रहे, जिन्होंने महज 16 और 255 मतों से चुनाव जीता है. जी हां, कांकेर विधानसभा सीट पर आशा राम नेताम ने सिर्फ 16 वोट से चुनाव जीता है, तो गोमती साय ने पत्थलगांव में सिर्फ 255 मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को पराजित किया. राजेश अग्रवाल ने टीएस बाबा को 94 वोट से हरा दिया. बता दें कि छत्तीसगढ़ में सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान कराया गया था. 90 विधानसभा सीटों में से 20 सीट पर पहले चरण में वोटिंग हुई, जबकि शेष 70 सीट पर दूसरे चरण में मतदान हुआ था. सभी 90 सीटों पर 3 दिसंबर को एक साथ मतगणना कराई गई.
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