चाबहार में आर्मेनिया की एंट्री! पाकिस्तान की बढ़ने वाली है टेंशन, भारत के लिए अच्छी खबर
यदि आर्मेनिया, चाबहार बंदरगाह में शामिल होने में सफलता पाता है तो पाकिस्तान की दिक्कत बढ़ सकती है. जानें यह खबर कैसे पाकिस्तान के लिए बुरी खबर है जबकि भारत के लिए यह एक अच्छी खबर साबित हो सकती है.
चाबहार बंदरगाह भारत के ड्रीम प्रोजक्ट में से एक है. इस बीच जो खबर सामने आ रही है वो भारत के लिए एक अच्छी खबर है. जी हां… आर्मेनिया, जिसके पाकिस्तान के साथ संबंध खराब हैं, वह भारत और अन्य एशियाई देशों तक पहुंच बनाने के लिए ईरान के चाबहार पोर्ट में शामिल होने पर विचार कर रहा है. इसके लिए वह बातचीत के लिए आगे बढ़ा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आर्मेनिया ने ईरान के चाबहार बंदरगाह में अपनी दिलचस्पी दिखाई है. आर्मेनिया इसके लिए आगे कदम बढ़ा रहा है और बातचीत कर रहा है. आर्मेनिया का लक्ष्य है कि वो कैसे भारत और बाकी एशियाई देशों तक पहुंच बना सके. ऐसे में यदि वह चाबहार बंदरगाह में शामिल हो जाता है, तो उसका यह लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाएगा.
इकॉनोमिक टाइम्स यानी ईटी की रिपोर्ट की मानें तो दक्षिण कोकेशियान देश बिना रुके कनेक्टिविटी के लिए इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) और चाबहार पोर्ट के बीच शीघ्र संपर्क की संभावना तलाश रहा है. आर्मेनिया के उप विदेश मंत्री मनत्सकन सफरियान ने ईटी के साथ बातचीत में मामले को लेकर जानकारी दी.
मनत्सकन सफरियान ने कहा कि अर्मेनियाई प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में चाबहार बंदरगाह के उपयोग पर एक बैठक की. यह बैठक कारोबारी नगरी मुंबई में हुई. उन्होंने कहा कि हमारा देश बंदरगाह में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहा है. चाबहार बंदरगाह और आईएनएसटीसी के बीच कनेक्टिविटी जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है.
आर्मेनिया के उप विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह लिंक एक साल के अंदर पूरा हो जाएगा. आपको बता दें कि यह खबर ऐसे वक्त आई है जब कुछ समय पहले ईरान के रास्ते भारत ने आर्मेनिया तक हथियारों की खेप पहुंचाने की खबरों ने सुर्खियां बटोरी थी. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले साल भारत ने आर्मेनिया को मिसाइलों, रॉकेटों और गोला-बारूद के एक अहम सौदे से जुड़े ऑर्डर को मंजूरी देने का काम किया है.
चाबहार बंदरगाह में आर्मेनिया के शामिल होने से हमें एक तिकड़ी देखने को मिल सकती है. यह तिकड़ी तीनों देश यानी भारत, ईरान और आर्मेनिया के लिए खास होगी. इस साल अप्रैल के महीने में आर्मेनिया की राजधानी येरेवन में एक बैठक के दौरान, तीनों पक्षों ने आर्थिक परियोजनाओं और क्षेत्रीय संचार चैनलों पर बात की थी.
यदि आर्मेनिया, चाबहार बंदरगाह में शामिल होने में सफलता पाता है तो पाकिस्तान की दिक्कत बढ़ सकती है. दरअसल पाकिस्तान अजरबैजान का करीबी है. आर्मेनिया और अजरबैजान एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं. यही नहीं पाकिस्तान भी ईरान के साथ संबंध बेहतर चाहता है. ऐसे में वह कभी नहीं चाहेगा कि आर्मेनिया की एंट्री चाबहार पोर्ट में किसी भी तरह हो.