Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण का देशभर में असर, राशि से लेकर राजनीति और फसल होंगे प्रभावित
Chandra Grahan 2022: आज भारत में जब चंद्रमा उदित होगा वह ग्रस्तोदय चंद्रमा नजर आएगा, यानी ग्रहण लगा हुआ ही चंद्रमा उदित होगा. इससे पहले ग्रहस्तोदय चंद्र ग्रहण 31 जनवरी 2018 को हुआ था, यानी 58 महीने बाद अब यह चंद्रग्रहण फिर लगने जा रहा है.
Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में भी इसका बेहद खास महत्व है. ज्योतिष के अनुसार आज साल 2022 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार मंगलवार को करीब दोपहर 2:39 से शुरू होगा और सायं 6:19 बजे तक ग्रहण का असर रहेगा. चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का समय सूर्योदय 6:45 से शुरू होगा. शास्त्रों में ग्रस्ततोय चंद्र ग्रहण का पर्व काल चंद्रमा उदय होने के बाद ही माना जाएगा. साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में नजर आएगा. इसलिए चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा. मंगलवार को सुबह 6.45 बजे ग्रहण का सूतक लग जाएगा.
58 महीने बाद ग्रस्तोदय चंद्रमा आएगा नजर
आज भारत में जब चंद्रमा उदित होगा वह ग्रस्तोदय चंद्रमा नजर आएगा, यानी ग्रहण लगा हुआ ही चंद्रमा उदित होगा. इससे पहले ग्रहस्तोदय चंद्र ग्रहण 31 जनवरी 2018 को हुआ था, यानी 58 महीने बाद अब यह चंद्रग्रहण फिर लगने जा रहा है.
चंद्र-राहु का चार ग्रहों से बनेगा सम सप्तक योग
चंद्रग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व बताया गया है. अगर इस दौरान राशि अनुसार दान किए जाते हैं तो कुंडली के कई दोषों का असर कम हो जाता है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में मंगलवार को ग्रस्तोदय चंद्रग्रहण होने से लूटपाट, चोरी व अग्निकांड की घटनाएं बढ़ेगी तथा शीतकालीन फसलों में रोग प्रकोप हो सकता है. देशभर में राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें को राजनेताओं में भी खींचतान बढ़ेगी. ग्रहण के समय चन्द्र-राहु का सूर्य-बुध-शुक्र-केतु से सम-सप्तक योग बनने से प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन की हानि और धातु एवं रस पदार्थों में तेजी आएगी. मंगलवार को दोपहर 2.39 बजे चंद्र ग्रहण शुरू होगा और शाम 6.19 बजे तक असर रहेगा.
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क्यों काला नजर आता है चांद, जानिए
चंद्र ग्रहण में सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आती है. इस दौरान चांद धरती की छाया से ढक जाता है या छिप जाता है, पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे की सीध में आ जाते हैं. ऐसे में जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह काला नजर आता है.