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Chandrababu Naidu Oath: चंद्रबाबू नायडू 12 जून को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की लेंगे शपथ, पीएम मोदी हो सकते हैं शामिल

Chandrababu Naidu Oath: तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू 12 जून को तीसरी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.

By ArbindKumar Mishra | June 8, 2024 5:46 PM
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Chandrababu Naidu Oath: नायडू गन्नावरम हवाई अड्डे के पास केसरपल्ली आईटी पार्क में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे. 12 जून (बुधवार) को सुबह 11:27 बजे चंद्रबाबू नायडू गन्नावरम हवाईअड्डे के पास केसरपल्ली आईटी पार्क में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

चंद्रबाबू नायडू पहली बार 30 साल पहले बने थे मुख्यमंत्री

नायडू पहली बार लगभग 30 साल पहले 1995 में मुख्यमंत्री बने थे और 2004 तक इस पद पर रहे. साल 2004 में वह चुनाव हार ये थे और उनकी जगह वाई एस राजशेखर रेड्डी मुख्यमंत्री बने. एक दशक के बाद और संयुक्त राज्य को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विभाजित करने के बाद, नायडू 2014 में नवगठित राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने.

5 साल बाद फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे नायडू

हालांकि, वह 2019 में वह चुनाव हार गये और उनके स्थान पर वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने. वह पांच साल के अंतराल के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.

शपथ ग्रहण में शामिल होंगे पीएम मोदी

चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा एनडीए के वरिष्ठ नेता और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं.

चंद्रबाबू नायडू: टीडीपी के लिए लिखा नया अध्याय

तीन साल पहले, गुस्से में तमतमाए चंद्रबाबू नायडू राज्य विधानसभा से बाहर निकल आए थे और कसम खाई थी कि वह तभी लौटेंगे जब मुख्यमंत्री बन जाएंगे. आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) को प्रचंड बहुमत दिलाकर नायडू मंगलवार को अपनी इस शपथ को पूरा करते दिखे. 2021 में परिवार के सदस्य के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में नायडू ने विधानसभा से बहिर्गमन किया था.

टीडीपी ने 135 सीटों पर दर्ज की जीत

टीडीपी ने 175 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीटों पर कब्जा किया और नया इतिहास रच डाला. जबकि सहयोगी बीजेपी 8 सीट पर जीत दर्ज की. जनसेना पार्टी 21 सीटें मिली. वहीं वाईएसआरसीपी ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की.

चंद्र बाबू नायडू को दिया जाता है आईटी क्षेत्र में आंध्र को आगे ले जाने का श्रेय

आंध्र प्रदेश में अलग अलग समय पर 13 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान कई कीर्तिमान रच चुके नायडू को आईटी क्षेत्र में अपने राज्य को अग्रणी स्थान पर ले जाने का श्रेय दिया जाता है तथा वह राज्य ही नहीं केंद्र की राजनीति के भी कुशल रणनीतिकार रहे है. मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान नायडू की छवि एक आर्थिक सुधारक और सूचना प्रौद्योगिकी आधारित आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले नेता की रही है. उन्होंने हैदराबाद को साइबर सिटी के तौर पर विकसित किया. उन्होंने राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिसमें नई राजधानी अमरावती का निर्माण भी शामिल है.

2018 में एनडीए से अलग हुए थे नायडू

नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे को लेकर मार्च, 2018 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया था, लेकिन वर्ष 2019 के विधानसभा व लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार ने उन्हें सियासी नेपथ्य में धकेल दिया. ठीक छह साल बाद मार्च, 2024 में नायडू ने राजग में वापसी की और आंध्र प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनसेना के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा.

नायडू एनडीए के संयोजक भी रहे

राज्य ही नहीं राष्ट्रीय राजनीति में भी नायडू का खासा दबदबा रहा है. वर्ष 1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने संयुक्त मोर्चा का नेतृत्व किया. 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को समर्थन देने से पहले वह संयुक्त मोर्चा के संयोजक थे. नायडू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक भी रहे.

अर्थशास्त्र में पीएचडी हैं एनचंद्रबाबू नायडू

एनचंद्रबाबू नायडू का जन्म 20 अप्रैल 1950 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव नारावरिपल्ले में हुआ था. उनके पिता एन खर्जुरा नायडू एक किसान थे और उनकी मां अम्मानम्मा एक गृहिणी थीं. नायडू ने शेषपुरम के स्कूल से प्राथमिक शिक्षा और चंद्रगिरि के सरकारी स्कूल से 10वीं की. इसके बाद तिरुपति से 1972 में श्री वेंकटेश्वर आर्ट्स कॉलेज से स्नातक और वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक किया. उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी भी की है.

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