Chandrashekhar Azad Anniversary : बनारस ने बनाया चंद्रशेखर को आजादी का दिवाना, जानें उनसे जुड़ी 8 रोचक बातें

Chandrashekhar Azad, 114th Birth Anniversary, history, 8 Interesting Facts, Freedom Fighter : महान क्रांतिकारी और अमर शहीद चंद्र शेखर आजाद की 114वीं जयंती (Chandrashekhar Azad birth anniversary) आज मनायी जा रही है. चंद्रशेखर (Chandrashekhar) भारत के उन महान क्रांतिकारियों में से थे जिनके नाम से अंग्रेज (British) कांपा करते थे. उनका नाम सुनते ही सबसे पहले जो उनकी छवि बनती है वे है, मूंछों पर ताव देते हुए एक व्यक्ति की. उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया था. कहा जाता है कि बनारस (Banaras) की धरती ने ही उन्हें आजादी का दिवाना (Freedom Fighter) बनाया था. ऐसे में आइये जानते हैं उनसे जुड़ी 8 रोचक बातों (Chandrashekhar Azad 8 interesting facts) को...

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2020 12:25 PM
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Chandrashekhar Azad, history, 8 Interesting Facts, Freedom Fighter : महान क्रांतिकारी और अमर शहीद चंद्र शेखर आजाद की 114वीं जयंती (Chandrashekhar Azad birth anniversary) आज मनायी जा रही है. चंद्रशेखर (Chandrashekhar) भारत के उन महान क्रांतिकारियों में से थे जिनके नाम से अंग्रेज (British) कांपा करते थे. उनका नाम सुनते ही सबसे पहले जो उनकी छवि बनती है वे है, मूंछों पर ताव देते हुए एक व्यक्ति की. उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया था. कहा जाता है कि बनारस (Banaras) की धरती ने ही उन्हें आजादी का दिवाना (Freedom Fighter) बनाया था. ऐसे में आइये जानते हैं उनसे जुड़ी 8 रोचक बातों (Chandrashekhar Azad 8 interesting facts) को…

चंद्रशेखर का इतिहास (chandrashekhar azad history)

उनका जन्म 23 जुलाई सन् 1906 में हुआ था. मध्य प्रदेश में जन्में इस बालक ने 14 वर्ष की आयु से ही गांधी जी के साथ देश को आजादी दिलाने के लिए जुड़ गए थे. उन्होंने इस दौरान महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भी भाग लिया था. मध्य प्रदेश के झाबुआ में जन्मे चंद्रशेखर के नाम पर ही उस जगह का नाम रखा गया है. जिसे आजादनगर के नाम से जाना जाता है.

उनसे जुड़ी 8 रोचक बातें

– चंद्रशेखर आजाद के करीबी दोस्त कहे जाने वाले विश्वनाथ वैशंपायन ने आजाद पर जीवनी लिखी है. जिसे सुधीर विद्यार्थी ने संपादित किया है. इस पुस्तक के अनुसार असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले 14 वर्षीय बालक चंद्रशेखर जब अपनी संस्कृत की शिक्षा को पूरा करने बनारस की धरती पर आये तब वहां तक असहयोग आंदोलन की आग पहुंच चुकी थी. बस फिर क्या था उस आंदोलन का हिस्सा बने और पहली और आखिरी बार अंग्रेजों के हाथ पकड़े गए. कहा जाता है कि बनारस की धरती ने उन्हें आजादी का दिवाना बना दिया.

– हालांकि, चंद्रशेखर की विचारधार गरम दल की थी. वे आजादी के लिए हिंसा का सहारा लेने से भी नहीं कतराते थे. अत: वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए.

– कहा जाता है कि वे पहली और आखिरी बार अंग्रेजों के हाथों पकड़ाये थे. जब उन्हें पहली बार पकड़ा गया था तो 15 कोड़े लगाए गए थे. इस दौरान उन्होंने अंग्रेजों के सामने वंदे मातरम और महात्मा गांधी की जय के नारे लगा दिए. जिसके बाद से ही उन्हें ‘आजाद’ के नाम से पुकारा जाने लगा.

– जब उन्हें पहली सजा के लिए कोर्ट ले जाया गया तो उनसे उनका नाम पुछा गया. यहां जो उन्होंने जबाव दिया उससे अंग्रेजों के तोते उड़ गए और आम जनता के हिरो बन गए. इस दौरान उन्होंने अपना नाम आजाद पिता का नाम स्वतंत्रता और रहने का स्थान जेल बताया.

– चौरा-चौरी घटना के बाद महात्मा गांधी ने अपना नाम आंदोलन वापस ले लिया था. जिसके बाद आजाद अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ कांग्रेस ले अलग हो गए थे. और अपना संगठन बनाया जिसका नाम हिन्दुस्तानी प्रजातान्त्रिक संघ रखा.

– इस संगठन का मकसद आजादी ही था. लेकिन, तरीका अनोखा था. वे अपने साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजों के सरकारी खजानों को लूटते और उससे भारत की जनता की मदद करते थे.

– लाला लाजपत राय की मौत का बदला भी आजाद ने ही अंग्रेजों से लिया था. उन्होंने लाहौर में अंग्रेजी पुलिस अधिकारी सॉन्डर्स को गोली से भून दिया. इस घटना के बाद वे अंग्रेज सरकार के मोस्ट वान्टेड हो गए थे.

– वर्ष 1931, 27 फरवरी को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में चंद्रशेखर को अंग्रेजी पुलिसों ने चारों ओर से घेर लिया. कुछ देर लगातार उनसे लड़ने के बाद वे अपने साथियों को सुरक्षित बाहर भेजकर खुद को गोली मार ली. आपको बता दें कि उन्होंने पहले ही कहा था कि जीते-जी उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत पकड़ नहीं सकती है. वे आजाद थे और आजाद ही रहेंगे. और उन्होंने ऐसा ही किया भी.

चंद्रशेखर आजाद के विचार (Chandra Shekhar Azad Quotes)

– ‘दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे.’

– ‘अगर आपके लहू में रोष नहीं है, तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है. ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मातृभूमि के काम ना आए.’

– ‘मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है.’

– ‘दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो. प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो, क्योंकि सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है.’

– ‘यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता है, तो उसका जीवन व्यर्थ है.’

– ‘मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल है’ : चंद्रशेखर आजाद

– ‘मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाता है.’

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