Chandrayaan 2: विक्रम लैंडर को लेकर फिर जाग सकती है इसरो की उम्मीद, NASA की तस्वीर के बाद आया नया मोड़

Chandrayaan 2, NASA: मिशन चंद्रयान - 2 को एक साल हो चुका है. पिछले साल ये मिशन पूरी दुनिया में चर्चा का विषय रहा था. साल बीत जाने के बाद भी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान को लेकर अब भी प्रयास जारी है. इस बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) को नासा की कुछ तस्वीरों से उम्मीद जागी है कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान क्रैश हो चुका लैंडर विक्रम अभी भी काम कर रहा है.

By Utpal Kant | August 2, 2020 11:53 AM
an image

Chandrayaan 2, NASA: मिशन चंद्रयान – 2 को एक साल हो चुका है. पिछले साल ये मिशन पूरी दुनिया में चर्चा का विषय रहा था. साल बीत जाने के बाद भी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान को लेकर अब भी प्रयास जारी है. इस बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) को नासा की कुछ तस्वीरों से उम्मीद जागी है कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान क्रैश हो चुका लैंडर विक्रम अभी भी काम कर रहा है.

एचटी के मुताबिक, चेन्नई के टेक विशेषज्ञ ने दावा किया है कि इसरो के मिशन चंद्रयान-2 का रोवर चांद की सतह पर मौजूद है और कुछ मीटर आगे बढ़ा है. विशेषज्ञ ने इसके लिए नासा की तस्वीरों का हवाला दिया है. दरअसल, नासा की तस्वीरों का इस्तेमाल कर विक्रम लैंडर के मलबे की पहचान करने वाले चेन्नई के वैज्ञानिक शनमुग सुब्रमण्यन ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को ईमेल भेजा है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि मई में नासा द्वारा भेजी गई नई तस्वीरों से प्रज्ञान के कुछ मीटर आगे बढ़ने के संकेत मिले हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो प्रमुख डॉ. के. सिवन ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि हालांकि हमें इस बारे में नासा से कोई जानकारी नहीं मिली है, लेकिन जिस व्यक्ति ने विक्रम के मलबे की पहचान की थी, उसने इस बारे में हमें ईमेल किया है. हमारे विशेषज्ञ इस मामले को देख रहे हैं. अभी हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते.

शनमुग ने बताया है कि 4 जनवरी की तस्वीर से लगता है कि प्रज्ञान अखंड बचा हुआ है और यह लैंडर से कुछ मीटर आगे भी बढ़ा है. हमें यह जानने की जरूरत है कि रोवर कैसे सक्रिय हुआ और उम्मीद करता हूं कि इसरो इसकी पुष्टि जल्दी करेगा.

पिछले साल 22 जुलाई को चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च

गौरतलब है कि इसरो ने पिछले साल 22 जुलाई को अपना महत्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था. इस मिशन के तहत रोवर विक्रम को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी. बता दें कि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव पर अंधेरा रहता है. हालांकि, इसका लैंडर विक्रम उम्मीद के मुताबिक आराम से चांद की सतह पर लैंड नहीं कर सका और धरती से इसका संपर्क टूट गया.

बाद में नासा की तस्वीरों को देखकर चेन्नई के इंजीनियर शानमुगा सुब्रमण्यन ने लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर खोज निकाला. उन तस्वीरों में जो दिखा उसे विक्रम का मलबा माना गया. हालांकि, एलआरओ की ताजा तस्वीरों में शानमुगा ने ही फिर पता लगाया है कि भले ही विक्रम की लैंडिंग मनमाफिक न हुई हो, लेकिन मुमकिन है कि चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान ने एकदम सही-सलामत चांद की सतह पर कदम रखा था.

Posted By: Utpal kant

Exit mobile version