Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 बिलकुल सटीक ढंग से आगे बढ़ रहा है. शुरुआत से लेकर अब तक इसरो को हर प्रोसेस में सफलता हासिल हुई है. इसरो ने शुक्रवार को बताया कि चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) को चंद्रमा के करीब ले जाने वाली एक ‘डिबूस्टिंग’ प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली गयी है. इसकी स्थिति सामान्य है. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल 20 अगस्त को रात के दो बजे के करीब दूसरी डिबूस्टिंग से गुजरेगा. डिबूस्टिंग गति कम करने की एक प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के तहत इसे एक कक्षा में उतारा जायेगा, जो इसे चंद्रमा की सतह के बहुत करीब ले जायेगा. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को होने की उम्मीद है. लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा किया है. अब इसकी कक्षा घटकर 113 किमी x 157 किमी रह गयी है. चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल गुरुवार को सफलतापूर्वक अलग हो गये थे.
इसरो ने लैंडर से ली गयीं चंद्रमा की तस्वीरें जारी की
इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल पर लगे कैमरों से ली गयीं चंद्रमा की तस्वीरें भी शुक्रवार को जारी की. प्रपल्सन मॉड्यूल व लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के बाद ली गई तस्वीरों में चंद्रमा की सतह पर गड्ढे दिखायी देते हैं. इन्हें फैब्री, जियोर्डानो ब्रूनो और हरखेबी जे के रूप में चिह्नित किया गया है. इसरो की ओर से साझा की गयीं तस्वीरों में 15 अगस्त को लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा ली गयीं तस्वीरें और 17 अगस्त को प्रणोदन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के ठीक बाद लैंडर इमेजर कैमरा-1 द्वारा ली गईं तस्वीरें शामिल हैं.
23 अगस्त का है सभी को इंतजार
गौरतलब है कि चंद्रमा पर पहुंचने के अभियान का अधिकांश हिस्सा चंद्रयान-3 ने पार कर लिया है. अब सबको इंतजार है 23 अगस्त का.. वो खास दिन जब चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. अब 3 दिन बाद यानी 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की धरती पर लैंड करने की कोशिश करेगा. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. बता दें, गुरुवार को इसरो ने चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया. इसके बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन का अध्ययन करेगा. और लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह की ओर बढ़ रहा है.
भारत के मून मिशन का अगला प्रोग्राम
18-19 अगस्त : लैंडर मॉड्यूल की ऊंचाई में लायी जायेगी कमी, 100 किमी की कक्षा से 30 किमी की कक्षा में होगा स्थापित
20 अगस्त : लैंडर मॉड्यूल कक्षा छोड़ कर चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ेगा, रात पौने दो बजे होगा डी ऑर्बिटिंग. चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में आ जायेगा लैंडर.
21-22 अगस्त : मॉड्यूल की गति को कम करने व दिशा को चंद्रमा के लंबवत करने की प्रक्रिया चलेगी.
23 अगस्त : विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास शाम करीब 5:47 बजे सॉफ्ट लैंडिंग, रोवर प्रज्ञान सतह पर उतरेगा.
रूस का लूना-25 भी कर रहा चंद्रमा पर उतरने की तैयारी
चंद्रयान-3 के साथ साथ रूस का लूना-25 भी अगले सप्ताह चंद्रमा पर उतरने की तैयारी कर रहा है. दोनों यानों के चंद्रमा पर उतरने की संभावित तारीखों से संबंधित टकराव ने भी दुनिया भर के वैज्ञानिकों में उत्साह बढ़ा दिया है. लूना-25 के चंद्र सतह पर उतरने की तारीख जहां 21-23 अगस्त है, वहीं चंद्रयान-3 के उतरने की तारीख 23-24 अगस्त है. चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र पर्यावरण और वहां से संबंधित कठिनाइयों के लिहाज से बहुत अलग भूभाग हैं और इसलिए ये अज्ञात बने हुए हैं. चंद्रमा पर पहुंचने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान भूमध्यरेखीय क्षेत्र में, चंद्र भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में कुछ डिग्री अक्षांश पर उतरे थे.
भाषा इनपुट से साभार