चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के समय उलटी गिनती करने वाली ISRO की वैज्ञानिक एन वलारमथी का निधन

Chandrayaan 3 Updates: चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है. इसकी जानकारी इसरो की ओर से दी गयी. इस बीच दुखद खबर आ रही है. दरअसल चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के समय उलटी गिनती करने वाली ISRO की वैज्ञानिक एन वलारमथी का निधन हो गया है.

By Amitabh Kumar | September 4, 2023 9:07 AM

चंद्रयान 3 मिशन की अहम सदस्य रहीं एन वलारमथी का निधन हो गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO में वैज्ञानिक वलारमथी ने ही चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के समय उलटी गिनती करने का काम किया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हार्ट अटैक की वजह से उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वालीं वलारमथी का निधन शनिवार शाम को हुआ. प्रदेश की राजधानी चेन्नई में उन्होंने अंतिम सांस ली. आपको बता दें कि 23 अगस्त को चांद के उत्तरी ध्रुव पर लैंड करने वाले चंद्रयान 3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था.

Also Read: चंद्रयान-3 के लैंडर ने रोवर की गतिविधि के साथ और भी कुछ किया रिकॉर्ड, ISRO ने दिया अपडेट

पीवी वेंकटकृष्ण ने दुख व्यक्त किया

वलारमथी के निधन पर ISRO के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर पीवी वेंकटकृष्ण ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उलटी गिनती के लिए वलारमथी मैडम की आवाज अब सुनाई नहीं देगी. चंद्रयान 3 उनका अंतिम काउंटडाउन था. बहुत दुख हुआ… प्रणाम….

श्रद्धांजलि का दौर जारी

सोशल मीडिया पर भी ISRO की वैज्ञानिक एन वलारमथी के निधन की खबर के बाद श्रद्धांजलि का दौर जारी है.

चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर को निष्क्रिय किया गया : इसरो

इधर चंद्रयान-3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चंद्रमा की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है और अब यह निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में चला गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को इस बाबत जानकारी दी है. इससे कुछ घंटे पहले, इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘‘निष्क्रिय’’ किया जाएगा.

चंद्रयान का रिसीवर चालू

इसरो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया है. इसे अब सुरक्षित रूप से ‘पार्क’ (खड़ा) किया गया है और निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में सेट किया गया है. एपीएक्सएस और एलआईबीएस ‘पेलोड’ बंद हैं। इन पेलोड से आंकड़े लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किए जाते हैं. वर्तमान में रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और उसका सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को चंद्रमा पर अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है. इसरो ने कहा कि चंद्रयान का रिसीवर चालू रखा गया है. अपने कार्य के दूसरे चरण के लिए इसके सफलतापूर्वक पुन: जागृत होने की आशा है! अन्यथा, यह हमेशा के लिए भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहीं रहेगा.

Also Read: Explainer: चंद्रयान 3 के पास बचा है 10 दिन से कम समय, जानिए अब तक क्या-क्या एक्स्प्लोर किया

सोमनाथ ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब भी काम कर रहे हैं और ‘‘हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है.

भाषा इनपुट के साथ

Next Article

Exit mobile version