Loading election data...

Chandrayaan 3: दिल थाम लीजिए! इतनी देर के लिए ‘विक्रम लैंडर’ बढ़ाएगा देश की धड़कन

Chandrayaan 3 Updates: 14 जुलाई के प्रक्षेपण के बाद पिछले तीन हफ्तों में पांच से अधिक प्रक्रियाओं में इसरो ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर आगे की कक्षाओं में बढ़ाया था. गत एक अगस्त को एक महत्वपूर्ण कवायद में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से सफलतापूर्वक चंद्रमा की ओर भेजा गया. जानें ताजा अपडेट

By Amitabh Kumar | August 22, 2023 5:48 PM
undefined
Chandrayaan 3: दिल थाम लीजिए! इतनी देर के लिए 'विक्रम लैंडर' बढ़ाएगा देश की धड़कन 6

चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है. चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर निर्धारित सॉफ्ट-लैंडिंग के चंद घंटे रह गये है. सॉफ्ट-लैंडिंग के अंतिम 20 मिनट महत्वपूर्ण हैं. मिशन सफल होने पर, भारत अमेरिका, रूस और चीन के साथ चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा और एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरकर सामने आएगा. विशेषज्ञों के हवाले से जो मीडिया में खबर चल रही है उसके अनुसार, आखिरी 20 मिनट अंतरिक्ष यान के साइट पर धीरे-धीरे उतरने का होगा. इस वक्त पूरे देश की घड़कनें बढ़ जाएगी.

Chandrayaan 3: दिल थाम लीजिए! इतनी देर के लिए 'विक्रम लैंडर' बढ़ाएगा देश की धड़कन 7

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) के बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरते ही भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा और इतिहास रच देगा. अभी तक जो खबर सामने आयी है उसके अनुसार, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है.

Chandrayaan 3: दिल थाम लीजिए! इतनी देर के लिए 'विक्रम लैंडर' बढ़ाएगा देश की धड़कन 8

यदि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा पर उतरने और चार साल में इसरो की दूसरी कोशिश में एक रोबोटिक चंद्र रोवर को उतारने में सफल रहता है तो भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. आपको बता दें कि चंद्र सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर नहीं हुई है.

Chandrayaan 3: दिल थाम लीजिए! इतनी देर के लिए 'विक्रम लैंडर' बढ़ाएगा देश की धड़कन 9

चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 के बाद का मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित एंव सॉफ्ट-लैंडिंग को दिखाना, चंद्रमा पर विचरण करना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग करना है. चंद्रयान-2 मिशन सात सितंबर, 2019 को चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया के दौरान उस समय असफल हो गया था, जब उसका लैंडर ‘विक्रम’ ब्रेक संबंधी प्रणाली में गड़बड़ी होने के कारण चंद्रमा की सतह से टकरा गया था. भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 को 2008 में प्रक्षेपित किया गया था.

Chandrayaan 3: दिल थाम लीजिए! इतनी देर के लिए 'विक्रम लैंडर' बढ़ाएगा देश की धड़कन 10

भारत ने 14 जुलाई को ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए 600 करोड़ रुपये की लागत वाले अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण किया था. इस अभियान के तहत यान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का एक बार फिर प्रयास करेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है.

Also Read: Chandrayaan-3 Live: जानें कितने बजे चंद्रमा पर उतरेगा चंद्रयान-3, यहां पढ़ें हर अपडेट

Next Article

Exit mobile version