क्या है चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य? जानें इससे जुड़ी खास बातें और ऐसे देखें लाइव
यदि आप चंद्रयान-3 का लाइवस्ट्रीम ऑनलाइन देखना चाहते हैं तो आप इसरो के आधिकारिक यूट्यूब चैनल या दूरदर्शन पर वास्तविक समय में लॉन्च देखने में सक्षम हैं. जानें इससे जुड़ी खास बातें
चंद्रयान-3 की उलटी गिनती शुरू आज शुरू होने वाली है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के प्रक्षेपण से पहले गुरुवार की सुबह तिरुमला में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे. आपको बता दें कि देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा जिसपर पूरे देश की नजर टिकी हुई है. सुबह-सुबह मंदिर पहुंचे वैज्ञानिक दल में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे, जिनके मंदिर पहुंचने की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. आइए जानते हैं चंद्रयान-3 से जुड़ी कुछ खास बातें…
पहले जानते हैं कि आखिर क्या है चंद्रयान-3
चंद्रयान- 3 एक अंतरिक्ष यान है, जो चंद्रयान- 2 का फॉलो ऑन मिशन, यानी अनुवर्ती अभियान है. या यूं कहें कि, चंद्रयान- 3, चंद्रयान- 2 के बाद का अभियान है जो चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और रोविंग की अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का काम करेगा. साथ ही चंद्रमा की सतह से जुड़ी तमाम वैज्ञानिक जानकारियां जुटायेगा.
अंतरिक्ष यान के तीन भाग हैं
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को तीन भागों से मिलाकर बनाया गया है. दूसरे शब्दों में कहें, तो इस यान के तीन भाग है. तीनों ही भाग देश में तैयार किये गये हैं. ये तीनों हिस्से हैं- लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर हैं. भले ही यह यान तीन अलग-अलग भागों से मिलकर बना है, पर इसकी बाहरी बनावट में दो ही भाग नजर आता है. पहला भाग प्रोपल्शन मॉड्यूल का है जो लैंडर को चंद्रमा की कक्षा तक लेकर जायेगा. दूसरा भाग लैंडर मॉड्यूल का है, जिसके भीतर रोवर रखा जायेगा. लैंडर मॉड्यूल का आकार चौकोर है और इसके चारों कोनों पर एक-एक पैर जैसी आकृति लगी है.
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रोवर की संरचना भी चौकोर है, पर इसकी लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई की अपेक्षा अधिक है. इसमें छह पहिये लगे हैं, जो चंद्रमा की सतह पर घूमने में इसकी मदद करेंगे. वहीं प्रोपल्शन मॉड्यूल भी चौकोर है और इसके ऊपर एक शंकुनुमा आकृति लगी है. चंद्र अभियान के लिए जाने वाले चंद्रयान के इन तीनों भागों का उद्देश्य अंतर-ग्रहीय अभियानों के लिए आवश्यक तकनीकों को विकसित करना और उनका प्रदर्शन करना है. ये तीनों मॉड्यूल अपने साथ कुछ वैज्ञानिक उपकरण (पेलोड) भी लेकर जा रहे हैं.
क्या है चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य
-चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना.
-रोवर को चंद्रमा की सतह पर पर चलते हुए दिखाना.
-लैंडर और रोवर के माध्यम से चंद्रमा की सतह का वैज्ञानिक अध्ययन करना.
कई आधुनिक तकनीकों से लैस
-अल्टीमीटर : लेजर और आरएफ आधारित अल्टीमीटर
-वेलोसीमीटर : लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर और लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरा
-एनर्शियल मेजरमेंट : लेजर गायरो आधारित एनर्शियल रेफरेंसिंग और एक्सेलेरोमीटर पैकेज
-प्रोपल्शन सिस्टम : 800एन थ्रॉटलेबल लिक्विड इंजन, 58एन एटिट्यूड थ्रस्टर्स और थ्रॉटलेबल इंजन कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स
-नेविगेशन, गाइडेंस एंड कंट्रोल : पावर्ड डिसेंट ट्रैजेक्टरी डिजाइन और सहयोगी सॉफ्टवेयर एलिमेंट
-खतरे का पता लगाना और बचाव
-लैंडिंग लेग मेकेनिज्म
चंद्रयान-3 लाइवस्ट्रीम ऑनलाइन ऐस देखें ?
यदि आप चंद्रयान-3 का लाइवस्ट्रीम ऑनलाइन देखना चाहते हैं तो आप इसरो के आधिकारिक यूट्यूब चैनल या दूरदर्शन पर वास्तविक समय में लॉन्च देखने में सक्षम हैं. जो लोग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च को लाइव देखना चाहते हैं, वे ivg.shar.gov.in/ पर अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं या फिर करा रहे हैं.
Chandrayaan-3 mission countdown begins tomorrow, India to be fourth country to land its spacecraft on moon
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— ANI Digital (@ani_digital) July 12, 2023
उल्टी गिनती होगी शुरू
इसरो ने चंद्रयान-तीन मिशन के लिए ‘मिशन तत्परता समीक्षा’ (एमआरआर) पूरी कर ली है. इस बाबत इसरो की ओर से जानकारी दी गयी. राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि बोर्ड ने प्रक्षेपण को अधिकृत कर दिया है. उल्टी गिनती गुरुवार से शुरू होगी. आपको बता दें कि इसरो ने इस सप्ताह प्रक्षेपित किये जाने वाले चंद्रयान-3 मिशन के लिए संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और प्रक्रिया का 24 घंटे का ‘‘प्रक्षेपण पूर्वाभ्यास’’ किया. मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को प्रक्षेपण यान मार्क 3 (एलवीएम3) से अपराह्न 2:35 बजे प्रक्षेपित करने की तैयारी चल रही है.
यदि आपको याद हो तो साल 2019 में भी एक प्रयास किया गया था, लेकिन उस वक्त सफलता नहीं मिली थी. पुन: इसरो चंद्रयान- 3 के जरिये चंद्रमा के सतह की जानकारी जुटाने को तैयार है. इसरो के इस यान पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है. अब से चंद घंटे बाद भारत नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर कदम बढ़ा देगा.