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चंद्रयान- 3 ने भेजी चंद्रमा की एक और तस्वीर, सॉफ्ट लैंडिंग का काउंटडाउन शुरू, आखिरी 15 मिनट बेहद खास

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के तय समय से एक दिन पहले मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है.

भारत अंतरिक्ष में इतिहास रचने से बस कुछ ही कदम दूर है. 23 अगस्त को चंद्रयान- 3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होने के साथ भारत ऐसा करने वाला दुनिया के चार देशों में शामिल हो जाएगा. सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर इसरो की ओर से तैयारी पूरी कर ली गयी है. इसरो ने ट्वीट कर बताया भी है कि मिशन अपनी दिशा में आगे बढ़ रहा है. हालांकि आखिरी के 15 मिनट लैंडिंग के लिए बेहद खास माना जा रहा है.

इसरो ने 70 किलोमीटर की ऊंचाई से लैंडर कैमरे से ली गई तस्वीरें जारी कीं

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 19 अगस्त को लगभग 70 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रयान-3 मिशन के ‘लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे’ (एनपीडीसी) से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें मंगलवार को जारी कीं. इसरो ने बताया कि एलपीडीसी से ली गई तस्वीरें यान पर मौजूद चंद्रमा के संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके इसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सहायता करती हैं. एलएम के बुधवार को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने की उम्मीद है.

चंद्रयान- 3 ने पहले भी भेजी थी चंद्रमा की तस्वीर

इसरो ने ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड एवाइडेंस कैमरा’ (एलएचडीएसी) से ली गई चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें सोमवार को जारी की थीं. अहमदाबाद स्थित ‘अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र’ (एसएसी) द्वारा विकसित यह कैमरा नीचे उतरते समय ऐसे सुरक्षित ‘लैंडिंग’ क्षेत्र का पता लगाने में सहायता करता है, जहां चट्टानें या गहरी खाइयां न हों. एसएसी इसरो का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है. इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लैंडर में एलएचडीएसी जैसी कई उन्नत प्रौद्योगिकियां हैं.

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तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा चंद्रयान-3 मिशन, सुचारू संचालन जारी: इसरो

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के तय समय से एक दिन पहले मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यहां ‘इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) में स्थित ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में उत्साह का माहौल है. इसरो ने चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन की मंगलवार दोपहर को ताजा जानकारी देते हुए कहा, मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है. प्रणालियों की नियमित जांच की जा रही है. सुचारू संचालन जारी है.

लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग की देख पाएंगे सीधा प्रसारण

इसरो ने कहा कि एमओएक्स/आईएसटीआरएसी से चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने का सीधा प्रसारण बुधवार शाम पांच बजकर 20 मिनट से शुरू किया जाएगा. लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुवी क्षेत्र के निकट उतरने की उम्मीद है.

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लैंडिंग के दौरान चंद्रयान-3 की स्पीड हो जाएगी 1.68 मीटर

वैज्ञानिकों ने बताया लैंडिंग के दौरान लैंडर की स्पीड 1.68 मीटर प्रति सेकेंड हो जाएगी. सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान अंतिम 15 मिनट बेहद निर्णायक होंगे. पूरी मिशन की सफलता आखिरी 15 मिनट पर निर्भर है. गति नियंत्रण करने से लेकर लैंडर को संभालने का काम इसी दौरान किया जाएगा. पहले 400 मीटर की ऊंचाई से लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह का मुआयना करेगा. 1680 मीटर प्रति सेकेंड से स्पीड घटकर 1.68 मीटर प्रति सेकेंड हो जाएगी.

14 जुलाई को चंद्रयान-3 किया गया था लॉन्च

चंद्रयान-2 की असफलता के बाद चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था. चंद्रयान-तीन को चंद्रमा की सतह पर सफलता से उतरने और विचरण करने की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए भेजा गया है.

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