Chandrayaan 3: लूनर ऑर्बिट में पहुंचा चंद्रयान 3, सॉफ्ट लैंडिंग की करेगा कोशिश, इतनी होगी स्पीड

Chandrayaan 3: इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा है कि आज यानी शनिवार को चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है. इसरो ने यह भी कहा कि छह अगस्त की रात 11 बजे के आसपास चंद्रयान को चांद की दूसरी कक्षा में प्रवेश करवाया जाएगा. नौ अगस्त की दोपहर पौने दो बजे के आसपास तीसरी ऑर्बिट मैन्यूवरिंग होगी.

By Pritish Sahay | August 5, 2023 7:56 PM
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Chandrayaan-3, ISRO Mission: चंद्रयान की सफल लॉन्चिंग के बाद आज का दिन चंद्रयान के लिए बेहद खास है. आज यानी शनिवार को चंद्रयान-3 धरती की परिधि से निकलकर चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया है. इसरो के लिए यह क्षण बेहद खास और यादगार भरा है. आज चंद्रयान चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया है. इसरो ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी है. इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है. मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (MOX), ISTRAC, बेंगलुरु से पेरिल्यून में रेट्रो-बर्निंग का आदेश दिया गया था. अब इसरो का अगला ऑपरेशन चंद्रयान-3 की कक्षा में कमी करना है, जो कि 6 अगस्त से शुरू किया जाएगा. बता दें, अब तक अंतरिक्ष यान 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद से चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर चुका है. आज चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 चांद की परिक्रमा करेगा. इसके बाद चंद्रयान-3 करीब 18 दिन बाद चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा. पूरी दुनिया की निगाहें भारतीय चंद्रयान अभियान पर टिकी है.

चांद की कक्षा में परिक्रमा करेगा चंद्रयान-3
इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा है कि वे आज यानी शनिवार को चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करवाने की कोशिश करेंगे. आज करीब सात बजे चंद्रयान-3 को लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन कराया जायेगा. यानी चांद के पहली कक्षा में इसे डाला जायेगा. इसरो ने बताया कि छह अगस्त की रात 11 बजे के आसपास चंद्रयान को चांद की दूसरी कक्षा में प्रवेश करवाया जाएगा. नौ अगस्त की दोपहर पौने दो बजे के आसपास तीसरी ऑर्बिट मैन्यूवरिंग होगी. 14 अगस्त को दोपहर 12 बजे के आसपास चौथी और 16 अगस्त की सुबह साढ़े आठ बजे के आसपास पांचवां लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन होगा. 17 अगस्त को  प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे.

आपको बता दें, 17 अगस्त को ही चंद्रयान को चांद की 100 किलोमीटर ऊंचाई वाली गोलाकार कक्षा में डाला जायेगा. 18 और 20 अगस्त को चांद की कक्षा की दूरी को और कम किया जायेगा. इसके बाद लैंडर मॉड्यूल 100×30 किलोमीटर की कक्षा में जायेगा. इसके बाद इस मिशन का सबसे कठिन पल आएगा जब इसे चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराया जाएगा. सबसे बड़ी बात की अगर चंद्रयान-3 की लैंडिंग सफल हो जाती है तो चंद्रयान-3, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान बन जायेगा.

23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर होगी सॉफ्ट लैंडिंग
मिशन चंद्रयान के तहत इसरो के वैज्ञानिक 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे. इससे पहले चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था. बता दें,चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली. धीरे-धीरे चंद्रयान-3 चांद की धरती के करीब होता जा रहा है. करीब 40 हजार किलोमीटर की दूरी पर चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति उसे अपनी ओर खींचेगी. चंद्रयान-3 भी चांद के ऑर्बिट को पकड़ने की कोशिश करेगा.

कम हो जाएगी चंद्रयान-3 की गति
चंद्रयान-3 आज चांद की कक्षा में जैसे ही प्रवेश करेगा, वैज्ञानिक उसकी गति को लगातार कम करते रहेंगे. फिलहाल चंद्रयान 7200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चांद की ओर बढ़ा है. हालांकि, चंद्रमा की कक्षा को पकड़ने के लिए चंद्रयान-3 की गति को को कम कर 3600 किलोमीटर प्रति घंटा के लगभग किया जाएगा. यह सिलसिली लैंडिंग के समय तक यानी 23 अगस्त तक जारी रहेगा. यानी 23 अगस्त तक इसकी इसकी गति लगातार कम होती रहेगी. गति कम होने के कारण चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा को पकड़ने में सफल होगा और इससे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास यान को लैंड कराने में भी सहूलियत होगी.

अब तक का चंद्रयान-3 के सफर पर एक नजर

  • 14 जुलाई के दिन चंद्रयान-3 को 170 km x 36500 km के ऑर्बिट पर छोड़ा गया था.

  • 15 जुलाई को पहली बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41762 km x 173 km किया गया.

  • 17 जुलाई को दूसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41603 km x 226 km कर दिया गया.

  • 18 जुलाई को तीसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 51400 km x 228 km किया गया.

  • 20 जुलाई को चौथी बार ऑर्बिट बढ़ाया गया, और इसे 71351 x 233 Km किया गया.

  • 25 जुलाई को पांचवी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 1.27,603 km x 236 km किया गया.

  • 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की बढ़ गया.

  • 05  अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश.

चंद्रमा के उल्टे चक्कर लगाएगा चंद्रयान-3
चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान उसकी उल्टी दिशा में चक्कर लगाएगा. यानी धरती के चारों ओर यह जिस दिशा में चक्कर लगा रहा था अब चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद यह उसकी उल्टी दिशा में चक्कर लगाएगा. इसरो के वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि चांद की शुरुआत परिक्रमा यह अंडाकार पथ में लगाएगा, लेकिन जैसे-जैसे यह चांद के करीब होगा इसका पथ अंडाकार से होकर गोलाकार हो जाएगा. जब यान की दूरी चांद के 100 किमी रहेगी तो पूरी तरह गोलाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाने लगेगा. चंद्रयान चांद के कुल पांच चक्कर लगाएगा.

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क्या आप भी करना चाहते हैं चंद्रयान-3 को लाइव ट्रैक
अगर आप भी चंद्रयान-3 की स्थिति को लाइव ट्रैक करना चाहते हैं तो इसरो ने यह सुविधा दी है. दरअसल, इसरो के बेंगलुरु स्थिति ISTRAC चंद्रयान की गति, उसकी स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है. इसी कड़ी में इसरो ने आम लोगों के लिए भी एक लाइव ट्रैकर लॉन्च किया है.  इस ट्रैकर के जरिये आम लोग भी चंद्रयान अभी कहां है इसकी  जानकारी ले सकते हैं.

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