Chandrayaan 4: फिर चांद पर जाएगा भारत, 2027 में इसरो भेजेगा चंद्रयान-4, जानिए खास बातें
Chandrayaan 4: भारत 2027 में चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करेगा. इस मिशन का मकसद चंद्रमा की सतह से मिट्टी और चट्टान के नमूने इकट्ठा करना और उन्हें पृथ्वी पर वापस लाना है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी है.
Chandrayaan 4: भारत एक बार फिर चांद पर अपना यान भेजने वाला है. 2027 में चंद्रयान-4 चांद के लिए उड़ान भरेगा. इसरो के इस खास मिशन का मकसद है चांद की सतह से चट्टानों के नमूने इकट्ठा करना. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने गुरुवार को बताया कि भारत 2027 में चंद्रयान-4 मिशन को लॉन्च करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि गगनयान को अगले साल अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाया जाएगा.
चंद्रयान-4 की खास बातें:-
- चंद्रयान-4 मिशन के तहत दो अलग-अलग प्रक्षेपण किये जाएंगे
- एलवीएम के जरिए मिशन के पांच उपकरणों को भेजा जाएगा.
- अंतरिक्ष में उन्हें एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा.
- चंद्रयान-4 मिशन का लक्ष्य चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करना और उन्हें पृथ्वी पर लाना है.
- मोदी कैबिनेट ने चंद्रयान-4 को पिछले साल मंजूरी दे दी थी.
- 36 महीनों में पूरा हो जाएगा मिशन चंद्रयान-4.
- इस मिशन के लिए सरकार ने 2104 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड दिया है.
गगनयान को लेकर दी खास जानकारी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अगले साल गगनयान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाया जाएगा. गगनयान मिशन के तहत रोबोट व्योममित्र को इस साल अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
2026 में भारत लॉन्च करेगा समुद्रयान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समुद्र की सतह का अन्वेषण करने के लिए 2026 में भारत समुद्रयान को लॉन्च करेगा, जिसमें तीन वैज्ञानिकों को एक विशेष पनडुब्बी के जरिये महासागर की 6,000 मीटर गहराई तक भेजा जाएगा. समुद्रयान मिशन के तहत पानी के अंदर मौजूद अहम खनिज, दुर्लभ धातुओं और अज्ञात समुद्री जैव विविधता की तलाश की जाएगी.