महाचक्रवात में बदला अम्फान, सेना, एयरफोर्स व नेवी अलर्ट, ओड़िशा-बंगाल के तटीय इलाकों में भारी बारिश की आशंका
चक्रवात ‘अम्फान' सोमवार को महाचक्रवात में बदल गया है. बंगाल की खाड़ी में उठे इस चक्रवात के विकराल रूप के साथ ओड़िशा तट से टकराने का अनुमान है.
भुवनेश्वर/कोलकाता : चक्रवात ‘अम्फान’ सोमवार को महाचक्रवात में बदल गया है. बंगाल की खाड़ी में उठे इस चक्रवात के विकराल रूप के साथ ओड़िशा तट से टकराने का अनुमान है. इससे पश्चिम बंगाल व ओड़िशा के तटीय इलाकों में मंगलवार और बुधवार को भारी तबाही मच सकती है. इस दौरान 195 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. इसके कारण बिहार व झारखंड में भी मौसम में बदलाव हो सकता है. यहां भी बारिश की आशंका है. त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर को भी अलर्ट पर रखा गया है.
इस बीच दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने तूफान की तैयारियों का जायजा लिया. प्रभावित होनेवाले राज्यों को हर संभव मदद का भरोसा दिया. इधर, तूफान से निबटने को केंद्र व राज्य सरकारों ने व्यापक इंतजाम किये हैं. ओड़िशा व पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की 32 टीमें तैनात की गयी हैं. आपात स्थिति से निबटने के लिए सेना, एयरफोर्स, नेवी और कोस्ट गार्ड की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है.
छह मीटर ऊंची लहरें उठेंगी‘अम्फान’ : अम्फान के कहर से पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता के बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं. इस दौरान समुद्र में सामान्य से 4 से 6 मीटर ऊंची लहरें भी उठ सकती हैं. इससे समुद्र का खारा पानी अंदर तक आ सकता है, जिससे फसलों और पेयजल को नुकसान हो सकता है.
बंगाल की खाड़ी में तूफान के कारण 265 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक से हवाएं चलेंगी: सुरक्षित स्थानों पर लोगों को भेजा तबाही के मद्देनजर ओड़िशा के तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. राज्य के जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिले में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. तेज हवाओं के कारण बिजली व संचार के खंभे उखड़ सकते हैं. तैयार फसलों, खेतों-बगीचों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है. चिंता बढ़ी : 1999 के बाद दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान एनडीआरएफ ने कहा कि अम्फान’ 1999 के बाद भारत में आने वाला यह दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान होगा.
यह ओड़िशा के तट से टकरायेगा. माना जा रहा है कि इसका प्रभाव भी मई 2019 आये ‘फोणी’ चक्रवात जैसा होगा. फोणी से ओड़िशा और आंध्रप्रदेश के तटवर्ती क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए थे. उन्होंने कहा कि यह एक दोहरी चुनौती है, क्योंकि चक्रवात महामारी के समय आ रहा है, हम सभी एहतियात बरत रहे हैं.