देहरादून : त्योहारी सीजन में चारधाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से बड़ी राहत प्रदान की गई है. अदालत ने गुरुवार को चारधाम यात्रा पर लगी रोक को शर्तों के साथ हटाने का आदेश दिया है. इसमें श्रद्धालुओं को कोरोना नियमों का पालन करना होगा.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि श्रद्धालुओं को कोरोना नियमों का पालन करना जरूरी होगा. इसके साथ ही, चारधाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के पास कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. इसके साथ ही, श्रद्धालुओं के पास कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक लगाने वाला सर्टिफिकेट भी साथ में होना अनिवार्य है.
अदालत के आदेश के अनुसार, कोरोना काल में रोजाना करीब 1200 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम की यात्रा कर सकेंगे. इसके साथ ही, केदारनाथ धाम में करीब 800 यात्री रोजाना दर्शन करेंगे, जबकि गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालु डुबकी लगा सकेंगे. आपको बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से अदालती आदेश के बाद उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा रखी थी.
Uttarakhand | Nainital High Court lifts the ban on Chardham Yatra, orders to follow COVID19 rules. The court also orders mandatory COVID19 negative report and double vaccination certificate for devotees
— ANI (@ANI) September 16, 2021
अदालती रोक की वजह से भारतीय रेलवे की ओर से चारधाम के लिए परिचालित होने वाली स्पेशल ट्रेनों के संचालन को भी बंद कर दिया गया था. अब जबकि अदालत ने शर्तों के साथ चारधाम की यात्रा करने की अनुमति प्रदान कर दी है, तो भारतीय रेलवे की ओर से भी चारधाम की यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू करने की उम्मीद की जा रही है.
समाचार एजेंसी एएनआई के ट्वीट के अनुसार, नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा के लिए सशर्त छूट दी है. इसमें श्रद्धालुओं को कोरोना नियमों का पालन करना होगा. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि श्रद्धालुओं को कोरोना नियमों का पालन करना जरूरी होगा. इसके साथ ही, चारधाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के पास कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. इसके साथ ही, श्रद्धालुओं के पास कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक लगाने वाला सर्टिफिकेट भी साथ में होना अनिवार्य है.