भारत में प्रोजेक्ट चीता को एक के बाद एक झटका लगा है. पहले मादा चीता साशा की मौत हो गई. इसके बाद नर चीता उदय ने दम तोड़ दिया. एक महीने के अंतराल में प्रोजेक्ट चीता तो दो-दो झटके लग गये. सबसे बड़ी बात की चीता उदय की मौत अचानक हो गई, उसकी मौत से एक दिन पहले हुई हेल्थ चेकअप में वो पूरी तरह स्वस्थ था. वहीं, चीता उदय की मौत के बाद उनकी मौत के कारण को खोजा गया तो पता चला कि उसकी मौत हृदय एवं फेफड़ों के काम बंद करने के कारण हुई.
क्या है ‘उदय’ की पोस्टमॉर्टन की रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान दक्षिण अफ्रीका से लाये गये चीता ‘उदय’ की मौत की शुरूआती जांच में सामने आया है कि हृदय और फेफड़ों के काम बंद करने के कारण उसकी मौत हुई. हालांकि पूरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है लेकि जो जांच अभी हुई है उसके मुताबिक, कार्डियोपल्मोनरी फेलियर के कारण उदय की मौत हुई है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीता उदय के मौत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी जाएगी.
अचानक सुस्त हो गया था उदय: गौरतलब है कि चीता ‘उदय’ की शनिवार को सेहत बिल्कुल ठीक थी. रविवार को उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. वहीं, ‘उदय’ की मौत मामले में मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि चीता उदय 23 अप्रैल को सिर झुकाकर सुस्त और अस्वस्थ हालत में बैठा था. जब वन्य कर्मी उसके समीप गये तो वो उठकर लड़खड़ाते हुए चलने लगा था. उसकी बीमार पड़ने की सूचना वन्य प्राणी चिकित्सकों को दी गयी, जिसके बाद वहां पहुंची टीम न हर तरीके से उसकी इलाज किया.
Also Read: Vande Bharat Train: आज से इस रूट पर दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, जानिए टाइम टेबल और किराया
एक महीने में दो-दो चीतों की मौत: बता दें, केएनपी में करीब एक महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना हुई. इससे पहले नामीबिया से केएनपी में लाये गये आठ चीतों में से ‘साशा’ नाम के एक मादा चीते की 27 मार्च को गुर्दे की बीमारी के कारण मौत हो गई थी. इस प्रकार नामीबिया एवं दक्षिण अफ्रीका से केएनपी में लाये गये कुल 20 चीतों की संख्या अब घट कर 18 हो गई है. हालांकि, सियाया नाम के एक अन्य चीता ने हाल ही में केएनपी में चार शावकों को जन्म दिया.
भाषा इनपुट के साथ