Project Cheetah: कुछ ही समय पूर्व नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कई चीतों को भारत लाया गया था. इन सभी को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया है. इस सभी को देश में चीता की आबादी को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है. जब इन्हें भारत लाया गया था तब इन्हें ओबान, सवाना और सियाया जैसे नामों से जाना जाता था. लेकिन, अब इन्हें देश में लोकप्रियता मिल सके इसके लिए इनका नामकरण किया गया है और इन्हें नये नाम दिए गए हैं. कुछ ही दिनों पूर्व पीएम मोदी ने इन चीतों को जनता के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए और इनके प्रति संवेदनशीलता की भावना जगाने के लिए मन की बात प्रोग्राम के दौरान इनके नये नामों के लिए सुझाव भी मांगे थे.
नामीबिया से लाये गये मादा चीता अशा को अब आशा, ओबान को पवन, सवाना को नाभा, एल्टन को गौरव, सियाया को ज्वाला, फ्रेडी को शौर्य और तिब्लिसी को अब धात्री के नाम से जाना जाएगा. जानकारी के लिए बता दें मादा चीता आशा का नाम पीएम मोदी ने रखा है. वहीं, अगर बात करें साउथ अफ्रीका से लाये गए चीतों की तो मादा फिंडा को दक्ष, अडल्ट फिंडा को वायु , मापेसू को निर्वा, अडल्ट फिंडा 2 को अग्नि, मादा तस्वालू को गामिनी, अडल्ट नर तस्वालू को तेजस, सब अडल्ट तस्वालु को वीरा, सब अडल्ट नर तस्वालु को सूरज, अडल्ट मादा वाटरबर्ग जीवमंडल को धीरा, अडल्ट नर वाटरबर्ग जीवमंडल को उदय, अडल्ट नर 2 वाटरबर्ग बायोस्फीयर को प्रभाष और अडल्ट नर 3 वाटरबर्ग बायोस्फीयर को पावक के नाम से जाना जाएगा. जिन्होंने इन नामों का सुझाव दिया था उनके लिए विजेताओं की घोषणा भी कर दी गयी है.
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक ट्वीट जारी करते हुए बताया कि- नाम सुझाने के लिए हुई प्रतिस्पर्धा में 11,565 लोगों ने हिस्सा लिया. एक चयन समिति ने सुझाए गए नामों में से महत्व और प्रासंगिकता के आधार पर नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के लिए नामों का चयन किया है.