चेन्नई में हवा से अपराधियों की निगरानी करेगी ‘ड्रोन पुलिस यूनिट’, भारत में पहली बार एडवांस पहल

चेन्नई पुलिस की इस परियोजना पर करीब 3.6 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस सुविधा का उद्घाटन तमिलनाडु के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सी सिलेंद्र बाबू ने अडयार के बेसेंट एवेन्यू में किया. इसके उद्घाटन के अवसर पर चेन्नई पुलिस आयुक्त शंकर जीवाल भी उपस्थित थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2023 7:10 PM

चेन्नई : तमिलनाडु में गुरुवार को भारत में पहली बार ‘ड्रोन पुलिस यूनिट’ की शुरुआत की गई है. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, तमिलनाडु में ‘ड्रोन पुलिस यूनिट’ की शुरुआत ग्रेटर चेन्नई पुलिस की ओर से की गई है. बताया यह जा रहा है कि ‘ड्रोन पुलिस यूनिट’ चेन्नई में अपराधियों और संदिग्धों की पहचान, बड़ी सभाओं की निगरानी और व्हिकल रजिस्ट्रेशन डेटा की वास्तविक समय पर जांच आदि में सहूलियत होगी.

परियोजना पर 3.6 करोड़ रुपये खर्च

चेन्नई पुलिस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, चेन्नई पुलिस की इस परियोजना पर करीब 3.6 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस सुविधा का उद्घाटन तमिलनाडु के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सी सिलेंद्र बाबू ने अडयार के बेसेंट एवेन्यू में किया. इसके उद्घाटन के अवसर पर चेन्नई पुलिस आयुक्त शंकर जीवाल भी उपस्थित थे.

तीन श्रेणियों मे बांटी गई ड्रोन पुलिस यूनिट

मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि चेन्नई पुलिस की ओर से भारत में की गई पहली पहल ‘ड्रोन पुलिस यूनिट’ को तीन श्रेणियों में बांटा गया है और तीन श्रेणियों के लिए कुल नौ ड्रोन उपलब्ध कराए गए हैं. यानी एक श्रेणी के लिए तीन ड्रोन मुहैया कराए गए हैं. इन नौ ड्रोनों में 6 क्विक रिस्पांस सर्विलांस ड्रोन, 01 हेवी लिफ्ट मल्टीरोटर ड्रोन और 02 लॉन्ग रेंज सर्वे विंग प्लेस ड्रोन शामिल हैं.

Also Read: गोरखपुर: कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिदों में पढ़ी गई ईद उल अजहा की नमाज, ड्रोन से हुई निगरानी

एआई की अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं ड्रोन

रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि ये ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं. इनको ग्राउंड स्टेशन से करीब पांच से 10 किलोमीटर की दूरी तक संचालित किया जा सकता है. इनमें एएनपीआर कैमरे लगे हैं, जो वाहनों के पंजीकरण डेटाबेस के साथ वास्तविक समय की जांच करने में सहयोगी साबित होंगे. इसकी मदद से संदिग्धों, चोरी हुए वाहनों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी.

Next Article

Exit mobile version