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नीति आयोग की बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पीएम मोदी के सामने मनरेगा पर रखी अपनी बात

छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल भी नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में नजर आये. उन्होंने यहां अपनी मांग रखते हुए कहा कि मनरेगा को शहरों के पास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों और 20,000 से कम आबादी वाले शहरों में लागू किया जाना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2022 1:57 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में फसल विविधीकरण, शहरी विकास और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के क्रियान्वयन जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी. आपको बता दें कि जुलाई 2019 के बाद परिषद की यह पहली बैठक है जिसमें सभी प्रतिभागी आमने-सामने मौजूद रहे. संचालन परिषद, नीति आयोग की शीर्ष संस्था है और इसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल तथा कई केंद्रीय मंत्री शामिल थे.

इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर के साथ ही उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, मध्य प्रदेश और असम के मुख्यमंत्री शामिल हुए. उल्लेखनीय है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव इस बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं. आमतौर पर पूर्ण परिषद की बैठक हर साल होती है. लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020 में बैठक नहीं बुलाई गई थी.


मनरेगा के बारे में क्‍या बोले सीएम भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल भी नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में नजर आये. उन्होंने यहां अपनी मांग रखते हुए कहा कि मनरेगा को शहरों के पास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों और 20,000 से कम आबादी वाले शहरों में लागू किया जाना चाहिए. बैठक में सीएम बघेल ने बैठक में जीएसटी मुआवजे का मुद्दा भी उठाया. इस संबंध में सीएमओ ने जानकारी दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नीति आयोग की बैठक के दौरान कोयला सहित मुख्य खनिजों पर रायल्टी दर में संशोधन का आग्रह किया और कर्मचारियों के हित में नई पेंशन योजना में जमा राशि वापस करने की भी मांग की.

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छत्तीसगढ़ सीएमओ की ओर से बताया गया कि नीति आयोग की बैठक में सीएम बघेल ने नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों पर 12,000 करोड़ रुपये खर्च की प्रतिपूर्ति की भी मांग की.

भाषा इनपुट के साथ

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