प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई तथा अन्य आरोपियों की करोड़ों रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है. ईडी ने शनिवार को कहा कि एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत शुक्रवार को कुछ चल और 91 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया.
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कुल 152.31 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है. ईडी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में कोयला व्यापारी और मामले में ‘‘मुख्य सरगना’’ सूर्यकांत तिवारी की 65 संपत्ति, चौरसिया की 21 संपत्ति और विश्नोई की पांच संपत्ति शामिल हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के एक अन्य कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल तथा कुछ और लोगों की संपत्तियां शामिल हैं. इसने कहा, ‘‘संपत्तियों में नकदी, आभूषण, फ्लैट, कोयला वाशरी और छत्तीसगढ़ में स्थित प्लॉट शामिल हैं.
ईडी इस मामले में एक अन्य कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी (सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार) के अलावा सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. धनशोधन का यह मामला आयकर विभाग की एक शिकायत से निकला है. एजेंसी ने कहा कि ईडी की जांच ‘‘एक बड़े घोटाले से जुड़ी है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, कारोबारियों, नेताओं और बिचौलियों के एक गिरोह द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रत्येक टन कोयले पर 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी.