छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर भाजपा और कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है. दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिल रही है. इस बीच छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश की राजधानी रायपुर में मीडिया से बात की और पूर्व की भाजपा सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि रमन सिंह जी क्या-क्या बोले थे कि आदिवासियों के हर घर में एक नौकरी देंगे, सभी को गाय देंगे, ऋण माफी होगी, शराब बंदी होगी. 15 साल उन्होंने मौका मिला, कर पाए क्या?
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई योजनाओं का ऐलान किया था. उन्होंने बेरोजगारों को भत्ता देने की भी बात भी कही थी. इसके बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सीएम बघेल पर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि चार साल राज्य में कोई काम नहीं हुआ, कोई सड़क नहीं बनी, पुल नहीं बना, अस्पताल नहीं बना, पुलिया नहीं बनी…आखिरी साल है जितनी घोषणाएं करनी हैं कर लें. 4 साल से जनता को छल रहे हैं, घोषणा पत्र झूठा था, ये सिर्फ जनता की आंख में धुल झोंकने का काम है.
रमन सिंह जी क्या-क्या बोले थे कि आदिवासियों के हर घर में एक नौकरी देंगे, सभी को गाय देंगे, ऋण माफी होगी, शराब बंदी होगी। 15 साल उन्होंने मौका मिला, कर पाए क्या?: छत्तीसगढ़ CM भूपेश बघेल, रायपुर pic.twitter.com/mZkJYBvIaK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 8, 2023
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण का मामला सुनाई दे सकता है. आरक्षण पर कांग्रेस और भाजपा की जुबानी जंग तेज हो चली है और दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस 3 जनवरी को आरक्षण पर चुनावी साल का सबसे बड़ा प्रदर्शन करती नजर आयी और मंच से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण की लड़ाई लड़ने की घोषणा की. यही नहीं भाजपा धर्मपरिवर्तन का मामला चुनाव में उठा सकती है और वोट पार्टी के पक्ष में करने का प्रयास कर सकती है.
Also Read: छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने किसे कहा तानाशाह, राहुल गांधी के तीन सवालों का पीएम नरेंद्र मोदी से मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें साल 2018 में 15 साल के वनवास के बाद कांग्रेस की वापसी हुई थी. कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 15 सालों तक सत्ता संभालने वाली भाजपा 15 पर ही सिमट गयी थी. वहीं मायावती और जोगी के गठबंधन को सात सीटें मिलीं थीं. 2013 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा को 49 और कांग्रेस को 39 सीट मिली थी. वहीं बीएसपी और अन्य के खाते में 1-1 सीट गयी थी.