Chhattisgarh News : पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ का बदलेगा मुख्यमंत्री ? टीएस सिंहदेव फिर दिल्ली पहुंचे
Chhattisgarh News : करीब 20 विधायक पिछले 3 दिन से हर दिन मुख्यमंत्री आवास जा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर प्रदेश में सीएम बदलने की चर्चा को हवा मिल गई है. दरअसल छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल बनाम टीएस सिंह देव के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर ढाई-ढाई साल के रोटेशन को लेकर किचकिच चल रहा है.
Chhattisgarh News : पंजाब के बाद क्या कांग्रेस छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बदलेगी. दरअसल ये सवाल इसलिए लोगों के मन में उठ रहा है क्योंकि कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंहदेव फिर दिल्ली पहुंचे हैं. हालांकि उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा है कि कांग्रेस हाई कमान से मिलने का कोई प्लान नहीं है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा पिछले कुछ महीनों से हो रही है.
खबरों की मानें तो करीब 20 विधायक पिछले 3 दिन से हर दिन मुख्यमंत्री आवास जा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर प्रदेश में सीएम बदलने की चर्चा को हवा मिल गई है. दरअसल छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल बनाम टीएस सिंह देव के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर ढाई-ढाई साल के रोटेशन को लेकर किचकिच चल रहा है. यदि आपको याद हो तो ढाई साल पहले छतीसगढ़ में भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार आई थी. कांग्रेस ने 17 दिसम्बर 2018 को भूपेश बघेल को सूबे का मुख्यमंत्री बनाया.
माना जाता है कि तब कांग्रेस ने छतीसगढ़ के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को ये कह कर बघेल के नाम पर राज़ी किया था कि ढाई साल बाद मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने का काम किया जाएगा. अगस्त के महीने में ये खबर छनकर आई थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये इच्छा जताई है कि भूपेश बघेल को राज्य में अब कमान टीएस सिंह देव के हाथ में सौंप देनी चाहिए. ये सबकुछ बिना किसी विवाद के होना चाहिए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हटाने का नहीं सोचना चाहिए : अमरजीत भगत
सामाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पिछले दिनों मंत्री अमरजीत भगत ने कहा था कि यदि टीम में काम अच्छा नहीं हो रहा होता तो कैप्टन को बदलने की जरूरत पड़ी लेकिन जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सारे काम ठीक से हो रहे हैं तो फिर उन्हें हटाने का नहीं सोचना चाहिए.
मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच चल रहे टकराव की स्थिति को देखते हुए विधायकों का अगस्त के महीने में दिल्ली पहुंचने को लेकर यह चर्चा गर्म थी कि मुख्यमंत्री का कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने के प्रयास हैं, हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया था. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी और राहुल गांधी में पूरा विश्वास है तथा शक्ति प्रदर्शन जैसी की कोई बात नहीं है.
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बघेल और सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं
यहां चर्चा कर दें कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे. सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.
Posted By : Amitabh Kumar