Chhattisgarh News: राजस्थान को कोयला देने के सवाल पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को अपनी प्रतिक्रिया दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रक्रिया के नियमों का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे पर्यावरण के प्रति और जो आदिवासी लोग निवास कर रहे हैं उनके हितों में कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अनुमति जो मिलेगी, वह नियमानुसार मिलेगी.
इससे पहले राजस्थान में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने राज्य को आवंटित कोयला ब्लॉकों के विकास में आ रही बाधाओं को दूर करने में मदद करने का अनुरोध किया था. अशोक गहलोत ने कहा कि यदि छत्तीसगढ़ राजस्थान की मदद नहीं करता है तो राज्य में ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो सकती है. राज्य के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयूएनएल) को तीन कोयला ब्लॉक आवंटित किया था, लेकिन उनमें से केवल एक में उत्पादन हो रहा है.
Chhattisgarh | Officially established procedure will be followed in supplying coal to Rajasthan. We will not compromise with environment & rights of tribal people in the state: CM Bhupesh Baghel pic.twitter.com/oLnUK8QPrl
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 27, 2022
राजस्थान को छत्तीसगढ़ में आवंटित कोयला ब्लॉक के मुद्दे लेकर कांग्रेस शासित दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच रायपुर में बैठक के बाद सीएम भूपेश बघेल ने संवाददाताओं से कहा कि नियमों का पालन करते हुए राजस्थान सरकार को कोयला आपूर्ति का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन साथ ही स्थानीय मुद्दों और पर्यावरण संरक्षण से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. वहीं, संवाददाता सम्मेलन में मौजूद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भूपेश बघेल जल्द ही इस संबंध में फैसला लेंगे अन्यथा उनके राज्य को बिजली की कमी का सामना करना पड़ेगा.
सीएम बघेल ने कहा किराजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत और ऊर्जा मंत्री तथा अधिकारी ने कोयला आपूर्ति को लेकर चिंता व्यक्त की है. उस संबंध में राजस्थान सरकार और भारत सरकार दोनों से लगातार पत्राचार हो रहा है. राजस्थान सरकार को जो खदान मिला है वह विधिवत भारत सरकार से ही उसे आवंटित हुआ है तथा उस पर विधिवत कार्रवाई की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रक्रिया में समय लगता है. खदान आवंटन के बाद पर्यावरण की स्वीकृति और भारत सरकार तथा राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए वहां काम शुरू करना होता है. राजस्थान में कोयले की कमी के बारे में बात करते हुए गहलोत ने कहा कि इससे 4,500 मेगावाट का बिजली संयंत्र बंद हो जाएगा तथा राज्य को बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा. गौरतलब है कि गहलोत ने इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी इस संबंध में पत्र लिखा था.