Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी समझे जाने वाले विधायकों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला जारी है. इस संबंध में सीएम बघेल की प्रतिक्रिया भी आई है. उन्होंने कहा है कि विधायक अपनी मर्जी से जा रहे हैं. वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं. इससे राजनीति का कोई लेना देना नहीं. आपको बता दें कि विधायकों के दिल्ली दौरे को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.
The MLAs are going on their own wish, they are independent…but there is no political movement: Chhattisgarh CM and Congress leader Bhupesh Baghel pic.twitter.com/7yuRGyE5aV
— ANI (@ANI) October 2, 2021
दिल्ली पहुंचे विधायक बृहस्पत सिंह ने शुक्रवार को फिर कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का दूर-दूर तक कोई सवाल नहीं है और बघेल की अगुवाई में ही पूरे पांच साल सरकार चलेगी. हम अपने प्रभारी पीएल पुनिया जी का इंतजार कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि राहुल गांधी जी अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान थोड़ा लंबे समय तक वहां रहें ताकि कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़े.
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद से लगातार चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई वर्ष तक बघेल और फिर राज्य के वरिष्ठ नेता एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को देने की बात हुई थी.
Also Read: Chhattisgarh Congress Crisis : टीएस सिंहदेव के समर्थकों को क्या परेशान कर रहे हैं सीएम भूपेश बघेल ?
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही बघेल और सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं हैं. जून 2021 में मुख्यमंत्री पद पर बघेल के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खेमे ने दावा किया कि आलाकमान ने ढाई-ढाई वर्ष बारी बारी से मुख्यमंत्री पद के लिए सहमति दी थी.
राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था. जब बघेल दिल्ली में थे तब कांग्रेस के 70 में से 54 विधायकों ने उनके समर्थन में दिल्ली का दौरा किया था.
Posted By : Achyut Kumar