Coal Extortion Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोयले पर अवैध उगाही के मामले में जारी धन शोधन जांच के सिलसिले में आज छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में कई जगहों पर फिर से छापा मारा. आधिकारिक सूत्रों ने इस छापेमारी की जानकारी दी. एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है जिसमें छत्तीसगढ़ में प्रति टन कोयले के परिवहन पर 25 रुपये की वसूली की जाती थी और इसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों की मिलीभगत थी.
ईडी ने कहा कि पिछले 2 साल में इसके जरिए कम से कम 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और गिरफ्तार कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल से संबंधित परिसरों के अलावा राज्य की राजधानी रायपुर एवं आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में कुछ अन्य के परिसरों पर छापा मारा गया. इस संबंध में ईडी द्वारा मामला दर्ज करने के बाद से राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और छत्तीसगढ़ काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई सहित 9 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है.
छत्तीसगढ़ में ईडी द्वारा मारे गए छापे पर सीएम भूपेश बघेल का भी बयान सामने आया है. अपने बयान में उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला किया है. बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि- यह सब भाजपा के राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के इशारे पर किया जा रहा है. ईडी को निष्पक्ष होना चाहिए. वे कर्नाटक पर छापा नहीं मारते जहां 40 प्रतिशत सरकार है और जहां एक विधायक के आवास पर 6 करोड़ रुपये पाए गए. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी की संपत्ति में 60 प्रतिशत की गिरावट देखी गई लेकिन, ईडी ने उस पर छापा नहीं मारा.
All of this is being done at the behest of BJP's state-level and national-level leaders. ED should be impartial. They don't raid Karnataka which has a '40% Govt' and where Rs 6 Crores was found at an MLAs' residence. Adani saw a decline of 60% in his assets following the… pic.twitter.com/TSgWr2p0V3
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 28, 2023
सीएम भूपेश बघेल ने आगे ईडी द्वारा मारे गए इन छापों पर बात करते हुए बताया कि- उद्योगपति, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, विधायक, अधिकारी, किसान – ऐसा कोई वर्ग नहीं बचा है जिस पर ईडी ने छापा न मारा हो. ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश, यूपी, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक में ईडी का कोई कार्यालय नहीं है. महाराष्ट्र में जब तक उद्धव ठाकरे की सरकार थी, केंद्रीय एजेंसियां वहां सक्रिय थीं. जब तक वहां सरकार बदलती रही, वहां एजेंसियां किसी काम की नहीं रहीं. (भाषा इनपुट के साथ)