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कोरोना-काल में वरदान साबित हुई मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना की मोबाइल मेडिकल यूनिटें

chhattisgarh news : छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना की मोबाइल मेडिकल यूनिटों (एमएमयू) से झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को नियमित जांच-उपचार-दवा का लाभ तो मिल ही रहा है, कोरोना-काल में यह संक्रमण को नियंत्रित करने में ये बहुत काम की साबित हुई हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2021 5:16 PM
  • योजना के तहत अब तक 10 हजार शिविरों का आयोजन

  • 05 लाख से ज्यादा मरीजों को मिला नियमित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ

  • योग्य डाक्टर और प्रशिक्षित टीम घर-घर तक पहुंचा रही है जांच-उपचार-दवा की सुविधाएं

Chhattisgarh news : छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना की मोबाइल मेडिकल यूनिटों (एमएमयू) से झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को नियमित जांच-उपचार-दवा का लाभ तो मिल ही रहा है, कोरोना-काल में यह संक्रमण को नियंत्रित करने में ये बहुत काम की साबित हुई हैं.

योजना की शुरुआत के बाद से अब तक इस योजना के तहत दस हजार शिविरों के आयोजन किए जा चुके हैं. करीब पांच लाख मरीजों तक मुफ्त जांच, उपचार और दवा की सुविधा पहुंचाई जा चुकी है. राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना का शुभारंभ सांसद राहुल गांधी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री बघेल द्वारा किया गया था.

राज्य के सभी 14 नगर पालिक निगमों में आधुनिक उपकरण से सुसज्जित 60 एमएमयू स्वास्थ्य सेवाएं दे रही हैं. इन मोबाइल मेडिकल यूनिटों में एमबीबीएस डाक्टर द्वारा लगभग 1600 स्लम बस्तियों में कैम्प लगाकर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. एमबीबीएस डाक्टर के साथ कैम्प में मुफ्त दवा वितरण हेतु फार्मासिस्ट, मुफ्त लैब टेस्ट करने हेतु लैब टेक्निशियन, मरीजों की सेवा के लिए एएनएम तथा एमएमयू चालक सेवाएं दे रहे हैं.

कोरोना-काल में वरदान साबित हुई मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना की मोबाइल मेडिकल यूनिटें 2

पारा-मोहल्ला में घर-घर पहुंच इलाज की सुविधा प्रदान करने वाली इस स्लम स्वास्थ्य योजना ने अब तक लगभग 05 लाख मरीजों का इलाज किया है. इन मरीजों में से लगभग एक लाख बीस हजार मरीजों का मुफ्त लैब टेस्ट किया गया है. एमएमयू में 41 प्रकार के विभिन्न लैब टेस्ट किये जाते हैं. इनमें खून, मल-मूत्र , थूक, टीबी, थायराइड, मलेरिया, टाइफाइड आदि की जांच कुशल लैब टेक्निशियन द्वारा अत्याधुनिक मशीनों से की जाती है. एमएमयू में मुफ्त दवा वितरण सेवा का लाभ लेते हुए लगभग चार लाख चालीस हजार मरीजों ने डाक्टर की पर्ची के आधार पर फार्मासिस्ट से सेवाएं प्राप्त की है.

एमएमयू में पैरासेटामाल, ब्रुफेन, मेटफार्मिन, एटेनोलोल, बी-कामप्लेक्स, आयरन, फोलिकएसिड, सिफालेक्सिन, एमोक्सिसिलिन, लिमसी, ओआरएस, टिटेनस इंजेक्शन, रैबिज इंजेक्शन आदि दो सौ प्रकार की दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. स्लम स्वास्थ्य योजना की एमएमयू गाड़ियों में ब्लड-प्रेशर मापने की मशीन, शुगर टेस्ट की मशीन, ईसीजी मशीन, आक्सीजन सिलेण्डर आदि की भी व्यवस्था है. पांच लाख मरीजों का ईलाज पूर्ण करने की उपलब्धि पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, जिला कलेक्टर तथा एमएमयू की टीम की प्रशंसा की है.

रायपुर में 15 एमएमयू से लगभग 1.26 लाख, दुर्ग में 4 एमएमयू से लगभग 35 हजार, भिलाई में 3 एमएमयू से लगभग 34 हजार, राजनांदगांव में एमएमयू से लगभग 33 हजार, बिलासपुर में 4 एमएमयू से लगभग 51 हजार, कोरबा में 8 एमएमयू से लगभग 55 हजार, रायगढ़ में 4 एमएमयू से लगभग 33 हजार, अंबिकापुर में 4 एमएमयू से लगभग 26 हजार, जगदलपुर में 4 एमएमयू से लगभग 28 हजार, चिरमिरी में 2 एमएमयू से लगभग 11 हजार, रिसाली में 2 एमएमयू से लगभग 19 हजार, धमतरी में 2 एमएमयू से लगभग 18 हजार, भिलाई-चरोदा में 2 एमएमयू से लगभग 19 हजार एवं बीरगांव में 2 एमएमयू से लगभग 17 हजार मरीजों ने स्वास्थ्य सेवा का लाभ प्राप्त किया है.

महिलाओं के लिए दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर 2020 के दिन रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, शहरों में महिला स्पेशल ‘‘दाई-दीदी क्लीनिक भी ’प्रारंभ किए गए हैं. दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से रायपुर शहर में 163 कैम्प के माध्यम से 7958 महिलाओं का ईलाज किया गया. इसी प्रकार भिलाई शहर में 165 कैम्प के माध्यम से 9802 महिलाओं का ईलाज और बिलासपुर शहर में 158 कैम्प के माध्यम से 11858 महिलाओं का इलाज किया गया.

दाई-दीदी क्लीनिक की एमएमय में महिला एम.बी.बी.एस. डाक्टर, महिला एनएमए, महिला फार्मासिस्ट अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं, जिससे महिला मरीजों को अपना इलाज कराने में संकोच नहीं होता है. यह देश की एकमात्र महिला स्पेशल एमएमयू परियोजना है. कोरोना-काल में भी एमएमयू की टीम द्वारा सतत् सेवाएं प्रदान की गई. इलाज के साथ-साथ विभिन्न शहरों में लगभग अड़तालीस हजार नागरिकों का टीकाकरण भी एमएमयू में किया गया है.

इस योजना का संचालन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा जिला स्तर पर गठित अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी के माध्यम से किया जाता है. योजना की सतत् दैनादिन मानिटरिंग हेतु चेहरा पढ़कर उपस्थिति दर्ज कराने वाली मोबाईल एप्प निष्ठा, रियल टाईम जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा आदि की सुविधा उपलब्ध है. जन शिकायत निराकरण हेतु निदान 1100 टोल-फ्री नंबर की सुविधा के साथ-साथ फीडबैक मशीन की सुविधा भी नगारिकों हेतु एमएमयू में उपलब्ध है. इस योजना की मानिटरिंग हेतु विभाग द्वारा डेडिकेटेड एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर की टीम शहर के नोडल अधिकारियों का सहयोग करती है. इस योजना की निरंतर समीक्षा नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव कुमार डहरिया द्वारा की जा रही है.

एमएमयू में उपलब्ध सुविधाओं एवं कड़ी निगरानी एवं योजना की डिजाईन का ही परिणाम है कि, इस योजना को शहरों की जनता द्वारा अपनाया गया है एवं पांच लाख मरीजों का इलाज का लक्ष्य योजना की टीम एवं राज्य शहरी विकास अभिकरण द्वारा पूर्ण किया गया है. इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव कुमार डहरिया ने एमएमयू की टीम को बधाई दी है . उन्होंने विभागीय सचिव अलेरमल मंगई डी एवं मुख्य कार्य पालन अधिकारी सौमिल रंजन चौबे को भी बधाई दी तथा योजना विस्तारीकरण हेतु शीघ्र कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं.

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