Chief Justice: डीवाई चंद्रचूड़ के दो फैसले से कांग्रेस नेता को हुई निराशा

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की विरासत पर बहस जारी रहेगी और बहस होनी चाहिए. क्योंकि दो महत्वपूर्ण मामलों में मुख्य याचिकाकर्ता होने के कारण चंद्रचूड़ के फैसले से उन्हें निराशा हुई.

By Anjani Kumar Singh | November 8, 2024 7:01 PM

Chief Justice: देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सेवानिवृत्त हो गए. अपने कार्यकाल के आखिरी दिन उनकी अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:3 के फैसले के साथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी काे अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रखने का फैसला सुनाया. वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की विरासत पर बहस जारी रहेगी और बहस होनी चाहिए. क्योंकि दो महत्वपूर्ण मामले में चंद्रचूड़ के फैसले से उन्हें निराशा हुई. जिसमें से एक कानून को मनमाने ढंग से वित्त विधेयक के तौर पर घोषित करने के सरकार के फैसले को सही ठहराना शामिल है. 

जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बहस से बचने के लिए संविधान की धारा 110 के तहत मनमाने ढंग से वित्त विधेयक घोषित किए जाने के मामले में संविधान पीठ का गठन नहीं किया गया. जबकि मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने के बाद उन्होंने ऐसा करने का वादा किया था. दूसरा मामला आरटीआई में मोदी सरकार के संशोधनों के खिलाफ याचिका पिछले चार साल से लंबित है. इस बारे में चंद्रचूड़ की ओर से ठोस कदम नहीं उठाया गया. गौरतलब है कि डीवाई चंद्रचूड़ ने 8 नवंबर 2022 को मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था. अब देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना होंगे और उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा.  


कई अहम मामलों में दिया फैसला

वैसे तो मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर तक है. लेकिन शुक्रवार को आखिरी कार्यदिवस होने के कारण उनकी विदाई के लिए एक विशेष पीठ बैठी. दो साल से अधिक के कार्यकाल के दौरान चंद्रचूड़ 1274 पीठ के भागीदार रहे और कुल 612 फैसले सुनाए. कार्यकाल के आखिरी दिन भी उन्होंने 45 मामलों की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद, धारा 370, सीएए-एनआरसी, सबरीमाला विवाद, इलेक्टोरल बांड जैसे मामलों की सुनवाई की.

मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कई अहम सुधार किए गए. जैसे ई-फाइलिंग में सुधार, पेपरलेस याचिका दाखिल करने की सुविधा, लंबित मामलों की जानकारी के लिए व्हाट्सएप पर सूचना, डिजिटल स्क्रीन, वाई-फाई कनेक्टिविटी, एडवांस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लंबित मामलों की लाइव ट्रैकिंग जैसे कदम शामिल हैं. निचली अदालतों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने और अदालतों पर बोझ कम करने की दिशा में भी प्रयास किया.  

Next Article

Exit mobile version