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क्या बदल जाएगा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री ? जानें इस सवाल का देवेंद्र फडणवीस ने क्या दिया जवाब

आदित्य ठाकरे ने दावा किया था कि एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री पद खतरे में है. सीएम को शिंदे को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. जानें इस दावे पर क्या बोले देवेंद्र फडणवीस

क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बदला जाएगा ? यह सवाल हर किसी के मन में पिछले कुछ दिनों से उठता आ रहा है. इस सवाल का जवाब सोमवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया. उन्होंने कहा है कि आजकल कई वरिष्ठ नेता अटकलबाज़ी करते दिख रहे हैं. वे कितनी भी अटकलें लगाएं, जिस समय हमने महायुती तैयार की उस समय से तीनों पार्टियों(भाजपा, शिवसेना, NCP(अजित पवार गुट)) के मन में स्पष्ट है कि महायुती के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं और एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री रहने वाले हैं.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घटनाक्रम पर शिवसेना नेता (UBT) आदित्य ठाकरे ने दावा किया था कि एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री पद खतरे में है. सीएम को शिंदे को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. आदित्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मैंने सुना है कि मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) को इस्तीफा देने के लिए कह दिया गया है. (सरकार में) कुछ बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. कुछ ऐसा ही दावा सांसद संजय राउत ने भी किया था.

भतीजे की बगावत पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साफ कर दिया था कि वो न तो थके हैं और न ही मुश्किल घड़ी में रुकना जानते हैं. इसी कड़ी में एनसीपी चीफ शरद पवार ने साफ कर दिया था कि सभी बागियों को एनसीपी (NCP) से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.

पांचवीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने अजीत पवार

यहां चर्चा कर दें कि एनसीपी में कुछ दिन पहले टूट हुई जिसके बाद चाचा शरद पवार को छोड़कर अजीत पवार ने भाजपा-शिवसेना सरकार का साथ दिया और पांचवीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने. अजीत पवार की बात करें तो उन्होंने 14वीं विधानसभा में उनके नाम तीन बार शपथ लेने का रिकॉर्ड दर्ज है. वहीं अजित पवार साल 2019 के बाद की तीसरी बार राज्य के उपमुख्यमंत्री बने हैं. 23 नवंबर 2019 की सुबह आठ बजे की घटना को याद करें तो उस वक्त महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी भूचाल आया था. भाजपा की ओर से देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया था.

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वहीं एनसीपी की ओर से अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की थी और उपमुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया था. हालांकि, शपथ लेने के बाद दोनों 80 घंटे ही अपने पदों पर रह पाए थे, जिसके बाद यह सरकार गिर गई थी. उस सरकार की जगह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार अस्तित्व में आयी थी, जिसमें अजित पवार फिर से उपमुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए थे. पिछले दिनों एक बार फिर से उनको एकनाथ शिंदे की सरकार में वे उपमुख्यमंत्री बने हैं.

2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना में हुआ था गठबंधन

महाराष्ट्र में साल 2019 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस साल भाजपा ने 105 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. वहीं शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी. दोनों पार्टियां गठबंधन के साथ चुनावी अखाड़े में उतरे थे. भाजपा और शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने का स्पष्ट जनादेश मिला था, लेकिन 24 अक्टूबर को कुछ अलग ही सूबे का नजारा था. नतीजों के बाद दोनों पार्टियों के बीच दरार आ गयी. दोनों दलों में सत्ता को लेकर खींचतान शुरू हो गयी और वे एक दूसरे से इतने दूर होते चले गये कि ये दूरी आज तक नहीं पट पाई है.

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शिवसेना ने यह कहते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा ठोका था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका भरोसा दिया था कि यदि जनादेश मिलता है तो उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे.

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