गुवाहाटी/शिलांग : असम और मेघालय के बीच पैदा हुए सीमा विवाद अब जल्द ही खत्म होता दिखाई दे रहा है. सीमा विवाद को समाप्त करने की दिशा में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक आयोजित की गई, जिसमें बातचीत के जरिए सीमा विवाद को सुलझाने पर चर्चा की गई है. असम और मेघालय लंबे समय से चले आ रहे अंतरराज्यीय सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की दिशा में ‘सकारात्मक प्रगति’ कर रहे हैं और जल्द ही आपसी समाधान निकलने की उम्मीद है.
बैठक के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमारी क्षेत्रीय समितियों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और हम कई विवादित सीमा क्षेत्रों पर अंतिम समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं. वहीं, मेघालय के उप मुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसोंग ने कहा कि छह क्षेत्रों में विवाद हैं और मुझे यकीन है कि हम कम से कम कुछ क्षेत्रों में समाधान खोजने में सक्षम होंगे.
Our regional committees have submitted their reports & we are working towards final agreement on many disputed border areas: Assam CM HB Sarma
There're disputes in 6 areas & I'm sure that we will be able to find a solution in at least some areas: Meghalaya Dy CM Prestone Tynsong pic.twitter.com/iwvEHhQyQH
— ANI (@ANI) December 22, 2021
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने में प्रगति पर चर्चा करने के लिए गुवाहाटी में बैठक के लिए अपने मेघालय समकक्ष कोनराड संगमा की मेजबानी की. दो महीने में इस मुद्दे पर दोनों राज्यों के बीच मुख्यमंत्री स्तर की यह दूसरी बैठक है और इस साल मई में सरमा के असम में मुख्यमंत्री बनने के बाद यह चौथी बैठक रही.
सरमा ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘हम अपने पड़ोसियों के साथ सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं.’ अब तक की वार्ता प्रगति पर संतुष्टि जताते हुए कोनराड संगमा ने ट्वीट किया, ‘हमने अपने संयुक्त संवाद के माध्यम से काफी सकारात्मक प्रगति की और जल्द ही एक सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने की उम्मीद है.’
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गौरतलब है कि असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों बैठक में उनके साथ उनके संबंधित राज्यों के कई कैबिनेट मंत्री भी शामिल थे, जो वर्तमान में विवाद के छह बिंदुओं को देखने के लिए दोनों राज्यों द्वारा गठित क्षेत्रीय समितियों के सदस्य हैं. इस बीच, दोनों राज्यों की क्षेत्रीय समितियों ने अपनी-अपनी सरकारों को रिपोर्ट सौंप दी है.