एक व्यस्क की तुलना में संक्रमित बच्चों से कोरोना संक्रमण फैलने का ज्यादा खतरा, शोध में हुआ खुलासा
अमेरिका में मेडिकल एसोसिएशन में हुए शोध के बाद यह खुलासा हुआ है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में इस शोध को छापा गया है और बताया गया है कि संक्रमण बच्चों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है.
कोरोना संक्रमण का असर अगर बच्चों में हुआ, तो वह ज्यादा खतरनाक होता है. एक तो संक्रमण बच्चों पर ज्यादा प्रभावशाली हो जाता है दूसरा बच्चे कोरोना संक्रमण का प्रसार ज्यादा करते हैं. अगर एक व्यस्क संक्रमित की तुलना एक संक्रमित बच्चे से करें तो बच्चा तेजी से कोरोना संक्रमण दूसरों तक फैला सकता है.
Also Read: अब कोरोना वैक्सीनेशन से पहले बताना होगा चार अंकों का कोड
अमेरिका में मेडिकल एसोसिएशन में हुए शोध के बाद यह खुलासा हुआ है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में इस शोध को छापा गया है और बताया गया है कि संक्रमण बच्चों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है.
यह शोध उन बच्चों में किया गया जो पांच साल से अधिक उम्र के हैं और जिनमें संक्रमण के लक्षण है. शोधकर्ताओं ने पाया कि व्यस्क लोगों की तुलना में 10 से लेकर 100 गुना तक ज्यादा वायरस उनके नाक और गले में है.
जाहिर है इस शोध के अनुसार बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है साथ ही यह एक व्यस्क व्यक्ति की तुलना में ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. इस शोध से यह भी बात सामने आती है कि अगर बच्चों में और बच्चों से संक्रमण का खतरा इतना ज्यादा है तो इनकी वैक्सीनेशन के लिए तेजी से काम करना होगा. दुनिया भर के वैक्सीन निर्माताओं को इस तरफ फोकस करना होगा.