कोरोना वायरस के Omicron वैरिएंट के दो संक्रमित भारत में मिले हैं, जिसके बाद सरकार और डाॅक्टर्स अलर्ट मोड में आ गये हैं. मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डाॅ नरेश त्रेहन ने कहा कि अभी चिंता की बात यह है कि यह वायरस कितनी तीव्रता से फैलेगा. इसके संक्रमण की दर कितनी है. इसका आरओ फैक्टर 12-18 गुणा अधिक हो सकता है और ऐसे में यह वायरस काफी तेजी से फैल सकता है. अभी वायरस के बारे में जितनी जानकारी है हम ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं.
डाॅ नरेश त्रेहन ने कहा कि अभी कि स्थिति में हम यह भी नहीं कह सकते हैं कि सब कुछ ठीक है और यह भी नहीं कि यह वायरस विनाशकारी हो सकता है. हां यह तो तय है कि हम बहुत मुश्किल हालात में हैं. अभी जो वैरिएंट मिला है वो स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन करता है जबकि पूरी संरचना में उसके 50 प्रकार हैं.
अभी हम यह भी नहीं जानते कि यह वायरस किस तरह से बिहेव करेगा. दक्षिण अफ्रीका से जो शुरुआती आंकड़े मिले हैं उसके अनुसार एक दिन में केस दोगुने हो जा रहे हैं. ऐसे में हमें सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है और सबको वैक्सीन लेना चाहिए.
-
Omicron वैरिएंट से बच्चों पर खतरा
-
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी
-
ओमिक्रोन बहुत तेजी से फैलाता है संक्रमण
Children not getting vaccinated can probably be the weak link in fighting from Covid19. We have delayed our vaccination for children. Our policies debarring them from vaccination can backfire on us. We need to think before sending them to school: Dr. Dhiren, Gangaram Hospital pic.twitter.com/9iag1id31S
— ANI (@ANI) December 2, 2021
वहीं गंगाराम अस्पताल के डाॅक्टर धीरेन ने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट के आने के बाद जो सबसे बड़ा खतरा है वो यह है कि हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं हैं. हमने उन्हें अबतक वैक्सीन नहीं लगाया है, यह कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में हमारे लिए कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं. बच्चों को वैक्सीन लगाने के निर्णय को लेने में हमने जो देरी की है वो हमपर उल्टा असर डाल सकता है. बच्चों को स्कूल भेजने से पहले हमें बहुत विचार करने की जरूरत है.
Also Read: कोरोना Omicron वैरिएंट ने दी भारत में दस्तक, कर्नाटक में मिले दो संक्रमित, सरकार ने दी चेतावनी
डाॅ धीरेन ने कहा कि बिना लक्षण वाला संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता है क्योंकि इसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है. वैक्सीनेशन का निश्चित तौर पर अच्छा असर रहेगा. अगले 15 दिन काफी कठिन हैं, इस दौरान हमें पर्सनल लाॅकडाउन में रहना चाहिए. युवा लोगों को खतरा ज्यादा है, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में 40 साल से कम के लोगों को इस वैरिएंट ने अपनी गिरफ्त में ज्यादा लिया है.
ऐसे में यह जरूरी है कि कोरोना प्रोटोकाॅल यानी मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें. भीड़भाड़ वाली जगह और यात्रा करने से बचें और वैक्सीन के दोनों डोज जल्दी से जल्दी लगवायें. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी आज प्रेस काॅन्फ्रेंस करके मास्क और सोशल डिस्टेसिंग के पालन को अनिवार्य बताया है.