अगर आप इस बात से डरे हुए हैं कि कोरोना की तीसरी लहर से आपके बच्चे असुरक्षित हो सकते हैं, तो ये खबर आपके लिए राहत देने वाली है. WHO-AIIMS के सर्वेक्षण के अनुसार कोरोनावायरस की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है.
इस सर्वे में यह बताया गया है कि कोरोना वायरस के सीरोसर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि बच्चों में सीरो पॉजिटिविटी रेट वयस्कों की अपेक्षा बहुत ज्यादा है. एएनआई न्यूज एजेंसी के अनुसार यह सीरो सर्वे पांच राज्यों में आयोजित की गयी थी और इसमें सैंपल साइज दस हजार का था.
थर्ड वेव के खतरे के बीच एक अच्छी खबर यह है कि जल्दी ही देश में बच्चों के लिए चार वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है. जिसमें दो वैक्सीन भारत बायोटेक की है, जिसमें से एक नोजल स्प्रे है. तीसरा वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का है, जिसका ट्रॉयल जुलाई से शुरू होगा और चौथा वैक्सीन जाइडस कैडिला का हो सकता है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के कोरोना टास्क फोर्स ने यह रिपोर्ट दी है कि देश में जल्दी ही कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो जायेगी. टास्क फोर्स की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इस बार दो से चार सप्ताह के बीच कोरोना का थर्ड वेव आ सकता है.
The possible third wave of COVID-19 unlikely to affect children much, as per WHO-AIIMS survey
— ANI (@ANI) June 17, 2021
हालांकि इस रिपोर्ट में भी यह कहा गया है कि बच्चों पर कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा नहीं है यह निम्नमध्यम वर्ग के लोगों को ज्यादा चपेट में लेगा और दूसरी लहर से दोगुनी संख्या में लोग संक्रमित होंगे.
गौरतलब है कि आईसीएमआर और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने भी कई बार कहा है कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं कि कोरोना के थर्ड वेव में बच्चों पर असर ज्यादा होगा. पहली और दूसरी लहर में भी बच्चे संक्रमित हुए हैं लेकिन उनमें वायरस का प्रभाव ज्यादा नहीं था और उनमें संक्रमण कम था, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल लेकर जाने की जरूरत नहीं थी.
विशेषज्ञों ने बच्चों को संक्रमण से बचाने और संक्रमण हो जाने पर किस तरह की सावधानी रखनी चाहिए इनको लेकर भी गाइडलाइन जारी किया है. डॉक्टरों ने पहले भी यह निर्देश जारी किया है कि बच्चों को इलाज के दौरान स्टॉरायइड और रेमडेसिविर ना दिया जाये.
Posted By : Rajneesh Anand