हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बाल सत्र आयोजित किया गया. इस दौरान बच्चे मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं की पोशाक में ‘बच्चों की सरकार कैसी हो’ विषय में सवाल जवाब करते नजर आए. वहीं सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हमने आपको सुना ही नहीं, आपसे सीखा भी है. बच्चों के सवाल नए हिमाचल की नींव रखते हैं. उनके सवाल-जवाब देखकर यह विश्वास और दृढ़ हुआ कि हिमाचल का भविष्य सुरक्षित है. सफलता का रास्ता सीधा नहीं है. इसके लिए परिश्रम जरूरी है. ‘
‘बच्चों की सरकार कैसी हो’ विषय पर आयोजित बाल सत्र में ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गई. बच्चों ने शिक्षा के सुधार और लोगों की समस्याओं पर अनेक प्रश्न पूछे. मुख्यमंत्री की कुर्सी 10वीं कक्षा की छात्रा जाह्नवी ने संभाली. मंडी की 14 वर्षीय किशोरी ने कहा, “जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुझे मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित किया, तो मुझे एक अलग तरह की खुशी महसूस हुई.” लेकिन राजनीति उनकी तत्काल प्राथमिकता नहीं है क्योंकि उनका ध्यान भविष्य में आईएएस या आईपीएस में शामिल होने पर है.
इसके विपरीत, उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभाने वाले तुषार आनंद राजनीति ने कहा, “मुझे उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने में मज़ा आया. लेकिन आने वाले दिनों में आप मुझे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर देखेंगे. यह मेरा सपना नहीं बल्कि मेरा लक्ष्य है, ”कसौली की 16 वर्षीय ने कहा. 12वीं कक्षा का छात्र अपने स्कूल का कैप्टन है.
जहां तुषार इस बात से दुखी थे कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री उन्हें सुक्खू के डिप्टी के रूप में उनकी भूमिका देखने नहीं आए, वहीं युवा को स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने सांत्वना दी. तुषार ने कहा, “शांडिलजी ने मुझसे कहा कि मैं उनके विधायकों की एक सीट जरूर खाऊंगा.” नेता प्रतिपक्ष की भूमिका 12वीं कक्षा की छात्रा रुहानिका वर्मा ने निभाई थी.
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