नयी दिल्ली: भारत के दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों भारत की सहनशीलता को उसकी कमजोरी समझते हैं और बार-बार सीमा पर तनाव बढ़ाने में लगे रहते हैं. गलवान घाटी में बुरी तरह पिट चुका ड्रैगन एक बार फिर लद्दाख में सीमा पर तनाव (India-China Border Row) बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने उसे करारा जवाब दिया है.
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affars) ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में सीमा के करीब चीन अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा रहा है. सैन्य साज-ओ-सामान भी सीमा के पास जमा करने में लगा है. चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमारी सेना (Indian Army) को भी अपनी सीमा की सुरक्षा करने के लिए उस क्षेत्र में मुस्तैदी बढ़ानी होगी.
China continues to deploy large number of troops and armaments in border areas: MEA on eastern Ladakh border row
— Press Trust of India (@PTI_News) September 30, 2021
चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से लद्दाख सीमा (Eastern Ladakh Border) के बारे में दिये गये बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये बातें कहीं हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम आशा करते हैं कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) से संबंधित सभी विवादों का हल चीन द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए करेगा.
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम चीन के बयान को सिरे से खारिज करते हैं. चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया था. उन्होंने उकसावे की कार्रवाई की. चीनी सैनिकों ने द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया और उसके बाद भारतीय जवानों ने जवाबी कार्रवाई की. चीन की वजह से ही सीमा पर तनाव बढ़ा था.
It is our expectation that the Chinese side will work towards early resolution of the remaining issues along the LAC in Eastern Ladakh while fully abiding by bilateral agreements and protocols: MEA in response to a query about remarks by Chinese MFA regarding the border situation
— ANI (@ANI) September 30, 2021
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि 15 जून की आधी रात को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की चीनी सैनिकों से मुठभेड़ हुई थी. निहत्थे भारतीय सैनिकों पर अचानक हमला करने वाले चीनी सैनिकों को हमारे जवानों ने न केवल सबक सिखाया था, बल्कि बड़े पैमाने पर उन्हें नुकसान भी पहुंचाया था. हालांकि, हमारे भी 20 जवान और अधिकारी शहीद हुए थे.
बताया जाता है कि भारतीय सैनिकों ने कम से कम 80 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था. लेकिन, चीन ने आज तक इस बात को कबूल नहीं किया. न ही वह किसी को यह बता पाया कि भारतीय सैनिकों ने उसके कितने जवानों को मौत के घाट उतार दिया था. अलबत्ता वह बार-बार गलवान घाटी में हुए उस ‘युद्ध’ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराता है.
Posted By: Mithilesh Jha