China: चीन ने लद्दाख क्षेत्र के हिस्से पर बनाया 2 नए प्रांत, भारत ने जाताया कड़ा विरोध
China: अक्साई चिन जिस पर भारत अपना दावा करता है, 1950 के दशक से अवैध चीनी कब्जे में है.
China: भारत ने चीन के सामने दो नए प्रांत बनाने पर विरोध दर्ज कराया है, जिसमें उत्तर-पूर्वी लद्दाख में अक्साई चिन के कुछ हिस्से शामिल हैं. नई दिल्ली ने तिब्बत में त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र) पर एक आगामी मेगा बांध को लेकर भी “चिंता” व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को चीन द्वारा हॉटन प्रान्त में प्रांत बनाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “हमने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के सामने गंभीर विरोध दर्ज कराया है.” यह दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा सीमा वार्ता को फिर से शुरू करने के कुछ दिनों बाद आया है जो लगभग पांच सालों से रुकी हुई थी.
जायसवाल ने कहा, “हमने इस क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है.” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा, “नए काउंटियों के निर्माण से न तो क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के बारे में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर असर पड़ेगा और न ही चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी.” चीन ने अशांत झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में हीन और हेकांग प्रांत के निर्माण की घोषणा की है. इन तथाकथित प्रांतो के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं.
अक्साई चिन, जिस पर भारत अपना दावा करता है, 1950 के दशक से अवैध चीनी कब्जे में है. दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध में अक्साई चिन के पश्चिमी किनारे पर बड़ी लड़ाइयां शामिल थीं. ताजा विवाद देपसांग में हुआ, जो अक्साई चिन से 40 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. चीन द्वारा बांध बनाने की योजना पर, जायसवाल ने कहा: “भारत ने विशेषज्ञ स्तर के साथ-साथ कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष को उनके क्षेत्र में नदियों पर मेगा परियोजनाओं पर अपने विचार और चिंताएं लगातार बताई हैं.”
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