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चीन ने अरुणाचल प्रदेश में फिर बनाया एन्क्लेव, सैटेलाइट तस्वीरों से सच आया सामने

भारतीय सीमा में चीनी बस्तियों की खबरों को पिछले दिनों भारत सरकार की ओर से खारिज कर दिया गया था. लेकिन, न्यूज चैनल ने तस्वीरें जारी करते हुए लिखा है कि वर्ष 2019 में ये बस्तियां नहीं थीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2021 10:43 PM

नयी दिल्ली: एक ओर भारत के साथ सीमा विवाद पर चीन बातचीत कर रहा है, तो दूसरी तरफ भारत की सीमा में कथित तौर पर चीनी एनक्लेव की तस्वीरें भी सामने आयी हैं. हिंदी न्यूज चैनल एनडीटीवी ने दावा किया है कि कुछ सैटेलाइट इमेज उसके हाथ लगे हैं, जिससे पता चलता है कि अरुणाचल प्रदेश में चीन ने एन्क्लेव बनाये हैं. न्यूज चैनल का दावा है कि भारतीय क्षेत्र में ड्रैगन ने कम से कम 60 इमारतें बना ली हैं.

भारतीय सीमा में चीनी बस्तियों की खबरों को पिछले दिनों भारत सरकार की ओर से खारिज कर दिया गया था. लेकिन, न्यूज चैनल ने तस्वीरें जारी करते हुए लिखा है कि वर्ष 2019 में ये बस्तियां नहीं थीं. इस क्षेत्र में कोई निर्माण भी नहीं हुआ था. इन सैटेलाइट तस्वीरों के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उन दावों को मजबूती मिली है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया है.

हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय से भी ऐसी ही खबरें आयीं थीं. उसे विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया था. विदेश सचिव ने कहा था कि चीन ने सीमाई इलाकों में पिछले कई साल में निर्माण कार्य किये हैं. इनमें वे इलाके भी शामिल हैं, जिन पर उसने कई दशकों से गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर रखा है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत ने कभी अपने क्षेत्र पर इस गैरकानूनी दखल को स्वीकार नहीं किया है, न ही चीन के अतार्किक दावों को स्वीकार करता है.’

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एनडीटीवी ने कहा है कि भारत की सीमा के अंदर छह किलोमीटर एक गांव बनाया है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और इंटरनेशनल बॉर्डर के बीच जहां यह एन्क्लेव चीन ने बनाया है, भारत का दावा है कि यह इलाका हमारा है. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि चीन ने जो एन्क्लेव बनाये हैं, वहां कोई इंसान रहता भी है या नहीं.

हिंदी न्यूज चैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नये एन्क्लेव की तस्वीरें दो नामी-गिरामी सैटेलाइट फोटो प्रोवाइडर कंपनियों मैक्सर टेक्नोलॉजीज और प्लेनेट लैब्स से उसने हासिल किये हैं. इसमें अरुणाचल प्रदेश के शी-योमी जिला में दर्जनों इमारतें खड़ी दिख रही हैं. यहां तक कि एक इमारत की छत पर बड़ा सा चीन का झंडा पेंट किया गया है. सैटेलाइट इमेज में वह झंडा स्पष्ट नजर आ रहा है.

न्यूज चैनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत से सटी अपनी सीमाओं पर चीन लगातार निर्माण कार्य कर रहा है. यह इसलिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि ड्रैगन ने हाल ही में नया लैंड बॉर्डर लॉ पेश पास किया है. इस कानून में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने सीमाई इलाकों में साधारण नागरिकों के लिए निर्माण के लिए सरकारी सहायता का वादा किया है. भारत-चीन सीमा पर इस तरह से चीन की ओर से एन्क्लेव तैयार करने को उसकी विस्तारवादी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

इसलिए गांव बसा रहा है चीन

भारतीय सीमा में चीन गांव बसा रहा है, क्योंकि वह उन इलाकों पर अपना कब्जा जमाना और दर्शाना चाहता है. अगर गांव बस गये, वहां चीन के नागरिक रहने लगे, तो उस पर उसका दावा मजबूत हो जायेगा. आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कानून जनसाधारण के लिए बसे मोहल्लों को इस बात का सबूत मानते हैं कि उस इलाके पर किसी देश का नियंत्रण है. यानी उसका दावा मजबूत हो जाता है.

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वर्ष 2021 में ही चीन के सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कुछ तस्वीरें प्रकाशित की थीं. तब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर मौजूद इसी इलाके का दौरा किया था. उन्होंने नयी और रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण रेलवे लाइन का निरीक्षण भी किया था. एनडीटीवी ने कहा है कि जिन गांवों की तस्वीरें उसके हाथ लगी है, वह उस एयरपोर्ट से महज 33 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है, जहां शी जिनपिंग ने लैंड किया था. भारत सरकार की ऑनलाइन मैप सर्विस Bharatmaps ने भी नये एन्क्लेव की सटीक लोकेशन दर्शायी है. इससे भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि यह क्षेत्र भारतीय सीमा में ही है.

Posted By: Mithilesh Jha

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