India China News: लद्दाख में भारत के खिलाफ चीन ने बना ली थी युद्ध की योजना ! नापाक इरादों का हुआ खुलासा
भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी-15 के गतिरोध वाले स्थान से पूरी तरह से पीछे हट चुकी है. साथ ही वहां के अस्थायी बुनियादी ढांचे को भी ध्वस्त कर दिया गया है.
पूर्व लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (Gogra-Hot Springs) के गश्त चौकी-15 के गतिरोध वाले स्थान से भारत और चीन की सेना पीछे हट चुकी हैं. दोनों देशों के बीच 16वें दौर की बैठक के बाद यह तय हुआ था. लेकिन मीडिया में कुछ तस्वीरें सामने आयी हैं, जिसमें भारतीय सीमा के पास चीन की गतिविधि को साफ अंदाजा लगाया जा सकता है. किस तरह से चीन भारत के खिलाफ युद्ध की तैयार कर ली थी.
भारत के खिलाफ चीन का नापाक इरादा
पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स के पास चीन ने भारत के खिलाफ युद्ध की पूरी योजना बना थी. इसका खुलासा, कुछ सेटेलाइट तस्वीरों के सामने आने के बाद हुआ है. एनडीटीवी के अनुसार पूर्व लद्दाख के गतिरोध वाली जगह से दो तस्वीरें सामने आयी हैं, जिसमें सेना के पीछे हटने से पहले 12 सितंबर तक सीमा से सट कर चीन ने अस्थायी निर्माण कराया था. तस्वीरें में चीन के इलाके की पूरी तस्वीर साफ नजर आ रही है. एक अन्य तस्वीर में 15 सितंबर को अस्थायी निर्माण हटा हुआ दिख रहा है. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन के इरादे भारत को लेकर कितने खतरनाक थे.
बफर जोन बनाने की भी हो रही चर्चा
भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी-15 के गतिरोध वाले स्थान से पूरी तरह से पीछे हट चुकी है. साथ ही वहां के अस्थायी बुनियादी ढांचे को भी ध्वस्त कर दिया गया है. फिलहाल यह ज्ञात नहीं है कि क्या दोनों पक्ष पीपी-15 पर एक बफर जोन बनाएंगे, जैसा कि पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट पर और पिछले साल गश्त चौकी-17 (ए) पर गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों को हटाने के बाद किया गया था. बफर जोन में कोई भी पक्ष गश्त नहीं करता है.
2020 से शुरू हुआ था भारत-चीन गतिरोध
पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हुआ था. पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पिछले साल फरवरी में हुई थी जबकि गोगरा में गश्त चौकी-17 (ए) से सैनिकों और सैन्य साजो सामानों की वापसी पिछले साल अगस्त में हुई थी.