China India Tension : चीन सीमा तक भारत ने सड़क तैयार कर ली है. इस संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकारी दी है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि एलएसी तक अब ऐसी सड़कें बन चुकी हैं, जिससे सैनिक हर मौसम में सीमा पर पहुंच सकते हैं. विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में 33 महीने से जारी सीमा गतिरोध के बीच कहा कि भारत ने स्पष्ट सामरिक कारणों से चीन के साथ लगती उत्तरी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. इस दौरान जयशंकर ने लद्दाख क्षेत्र में 135 किलोमीटर तक फैली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चुशुल-डुंगती-फुकचे-डेमचोक सड़क का जिक्र किया, जिसपर काम पिछले महीने शुरू हुआ था.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने स्पष्ट सामरिक कारणों से चीन के साथ लगती उत्तरी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. विदेश मंत्री ने कहा कि 13,700 फुट की ऊंचाई पर स्थित बलीपारा-चारद्वार-तवांग रोड पर सेला सुरंग के निर्माण से भारतीय सेना का तवांग के निकट एलएसी तक हर मौसम में संपर्क बना रहेगा. इसमें दो सुरंगें हैं – एक 1790 मीटर लंबी, दूसरी 475 मीटर लंबी. सुरंग का निर्माण अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है. एक बार इसका निर्माण पूरा हो जाने के बाद, यह 13000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी दो-लेन सुरंग होगी.
चीन ने जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस समेत कई देशों को निशाना बना कर जासूसी गुब्बारों के एक बेड़े को संचालित किया है. ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की पीएलए वायुसेना द्वारा संचालित इन निगरानी यान को पांच महाद्वीपों में देखा गया है. ये गुब्बारे निगरानी अभियान चलाने के लिए विकसित किये गये हैं.
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संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर अमेरिका की संप्रभुता के लिए चीन खतरा उत्पन्न करता है, तो आत्मरक्षा में कदम उठाये जायेंगे. अमेरिकी सेना ने पिछले हफ्ते अटलांटिक महासागर के ऊपर संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे को नष्ट कर दिया था.