मुंबई : पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प और सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन ने अब भारत पर साइबर अटैक तेज कर दिए हैं. महाराष्ट्र सरकार के साइबर विभाग के स्पेशल आईजी यशस्वी यादव ने मंगलवार को बताया कि चार-पांच दिनों के भीतर 40,300 साइबर अटैक की कोशिशें की गयी हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले चीन के चेंगदू क्षेत्र से जुड़े हुए थे. ये साइबर हमला इन्फ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग और सूचना से जुड़े क्षेत्रों को ज्यादा निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
महाराष्ट्र के साइबर विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि ये चीनी साइबर हमलावर फिशिंग हमलों को बड़ी संख्या में अंजाम दे सकते हैं. विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि किसी भी अननॉन या मिलते-जुलते मामले मेल आदि के अटैचमेंट न खोलें न ही किसी से अपनी व्यक्तिगत और बैंक से जुड़ी जानकारी साझा करें.
सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से मीडिया में दी जा रही खबरों के मुताबिक, भारत में साइबर अटैक करने वालों में से ज्यादातर हैकर्स चीन के सिचुआन क्षेत्र में मौजूद हैं. सिचुआन को चीन की सेना के साइबर वारफेयर विंग का हेडक्वॉर्टर बताया जाता है. हालांकि, अभी तक ये बताया जाना मुश्किल है कि इस तरह के साइबर अटैक चीन की सरकार के इशारे पर किया जा रहा है या फिर चीन के साइबर हैकर्स इस मामले को अंजाम दे रहे हैं.
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यशस्वी यादव ने बताया कि इस अटैक के लिए चीनी हैकर्स दो तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. पहला टाइप है-Distributed Denial of Service अटैक. अगर किसी यूटिलिटी प्रोवाइडर वेबसाइट की सिर्फ 1000 लोगों की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने की क्षमता है, तो ये हैकर्स उसे हैक करके इस क्षमता को 10 लाख तक ले जाते हैं, जिससे पूरा सिस्टम ही क्रैश हो जाता है. दूसरा Internet Protocol Hijack है. इसमें हैकर्स किसी वेबसाइट या इंटरनेट अकाउंट के ऑनलाइन ट्रैफिक को वाया चीन डाइवर्ट करके टारगेट तक ले जाते हैं, जिससे सर्विलांस में इस्तेमाल किया जा सके.
Posted By : Vishwat Sen