India China Face Off: अब भारत के इस जमीन पर है चीन की नजर, आदतों से बाज नहीं आ रहा ड्रैगन

नयी दिल्‍ली : गलवान घाटी विवाद के बाद वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन लगातार प्रयास कर रहे हैं. इस बीच खबर आयी है कि डेपसांग समतल क्षेत्र और दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में चीन अवैध निर्माण करा रहा है. भारत ने इन गतिविधियों का मुद्दा उठाया है. दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए कई कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2020 6:45 PM
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नयी दिल्‍ली : गलवान घाटी विवाद के बाद वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसबीच खबर आयी है कि डेपसांग समतल क्षेत्र और दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में चीन अवैध निर्माण करा रहा है. भारत ने इन गतिविधियों का मुद्दा उठाया है. दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए कई कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है.

कई वार्ताओं का परिणाम यह निकला कि चीन को गलवान घाटी में अपनी सेना को पीछे लेना पड़ा. गलवान घाटी विवाद के समय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके चीनी समकक्ष ने भी बातचीत की थी. सेना से जुड़े सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि वार्ता के दौरान, भारत के पक्ष ने चीन से कहा कि एक सैन्य अभ्यास की आड़ में उन्होंने पूर्वी लद्दाख में LAC पर सैनिकों की बड़े पैमाने पर तैनाती के साथ भारी संख्‍या में युद्ध-सामग्री तैयार किया था.

विशेषज्ञों में चिंता जाहिर की है कि जहां चीन ने प्रभावी ढंग से 18 किलोमीटर पश्चिम में अपने वास्तविक नियंत्रण क्षेत्र को स्थानांतरित कर दिया है. यह भारत को दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) हवाई क्षेत्र के करीब स्थित महत्वपूर्ण हिस्से तक पहुंच से वंचित कर देगा और चीन को रणनीतिक डार्बूक-श्योक-डीबीओ (डीएसडीबीओ) सड़क के बहुत करीब ले आयेगा.

एक पूर्व सेना अधिकारी का कहना है कि पैंगोंग झील की तुलना में डेपसांग हमारे लिए सामरिक और रणनीतिक रूप से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. यह भारत के लिए दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी के साथ-साथ काराकोरम क्षेत्र तक पहुंच के लिहाज से महत्वपूर्ण है. यहां से डीएसडीबीओ सड़क लगभग छह किलोमीटर दूर है. वास्तविक नियंत्रण रेखा में किसी भी तरह का बदलाव नुकसानदायक होगा.

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अंडमान और निकोबार के जिन रास्तों से चीन का अहम व्यापार होता है. वहीं भारतीय नौसेना अपनी पूरी ताकत के साथ युद्धाभ्यास कर रही है. जमीन पर चीन को औकात दिखाने के बाद भारत अब समंदर में भी अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है. भारतीय नौसेना अंडमान और निकोबार में एक अभ्यास कर रही है. भारतीय नौसेना ने यह युद्धाभ्यास उस समय शुरू किया है जब पहले से ही दो अमेरिकी सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज और रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में चीन को घेरे हुए हैं.

राजनाथ ने लद्दाख से चीन को दी थी कड़ी चेतावनी

शुक्रवार को लद्दाख पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को कड़ी चुनौती देते हुए कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत की एक इंच भी जमीन नहीं ले सकती. सिंह ने लुकुंग में एक अग्रिम चौकी पर सेना तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भारत के आत्म-सम्मान को चोट पहुंचाने की कोशिश की जाती है, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और उसे उचित जवाब दिया जायेगा.

उन्होंने कहा, ‘हम अशांति नहीं चाहते, हम शांति चाहते हैं. यह हमारा चरित्र रहा है कि हमने कभी किसी देश के स्वाभिमान को चोट पहुंचाने की कोशिश नहीं की है. यदि भारत के स्वाभिमान को चोट पहुंचाने की कोशिश की गयी, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और उचित जवाब देंगे. हम अपने जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे.’ उन्होंने कहा कि हमें भारतीय सेना पर गर्व है. मैं सैनिकों के बीच गर्व महसूस कर रहा हूं. हमारे सैनिकों ने अपनी जान दे दी है. इससे 130 करोड़ भारतीय दुखी हैं.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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