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अब हिमाचल के रास्ते भारत में घुसपैठ कराने की फिराक़ में चीन, पूर्वी लद्दाख के बाद किन्नौर जिले में बना दिया रोड!

अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं. उधर, चीन हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर चीन अधिकृत तिब्बत (CoT) के साथ मिलकर नजर टिकाए हुए है. हालांकि, इस क्षेत्र में अभी तक चीन की ओर से अवैध दावा नहीं किया गया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश का चीन अधिकृत तिब्बत के साथ करीब 260 किलोमीटर की सीमा लगती है, जिसमें कई छोटे-छोटे रास्तों से भारत में आसानी से प्रवेश किया जा सकता है. चीन अधिकृत तिब्बत से लगी हुई सीमाओं में किन्नौर जिले में 140 किलोमीटर, लाहौल और स्पीति में करीब 80 किलोमीटर के आसपास है.

नयी दिल्ली : कश्मीर घाटी के पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सैनिकों का घुसपैठ और भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प कराने के बाद चीन अब हिमाचल प्रदेश के रास्ते भारत में अपने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के घुसपैठ कराने की फिराक में जुट गया है. यह बात दीगर है कि भारतीय सेना के कमांडर स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक और सीमा विवाद को लेकर बने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद चीन की सेना ने अपने कदम पीछे हटा लिया है, लेकिन उसकी नजर अब भी भारत की सीमाओं पर टिकी है. वह कभी भी किसी रास्ते से भारत में घुसपैठ कर हमला कर सकता है.

भाजपा सांसद पहले ही दे चुके घुसपैठ के संकेत : मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं. उधर, चीन हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर चीन अधिकृत तिब्बत (CoT) के साथ मिलकर नजर टिकाए हुए है. हालांकि, इस क्षेत्र में अभी तक चीन की ओर से अवैध दावा नहीं किया गया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश का चीन अधिकृत तिब्बत के साथ करीब 260 किलोमीटर की सीमा लगती है, जिसमें कई छोटे-छोटे रास्तों से भारत में आसानी से प्रवेश किया जा सकता है. चीन अधिकृत तिब्बत से लगी हुई सीमाओं में किन्नौर जिले में 140 किलोमीटर, लाहौल और स्पीति में करीब 80 किलोमीटर के आसपास है.

हिमाचल प्रदेश पुलिस ने जारी की एडवाइजरी : बीते 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों के साथ चीनी सैनिकों की हुई हिंसात्मक झड़प के बाद हिमाचल प्रदेश पुलिस ने किन्नौर, लाहौल और स्पीति जिले के पुलिस प्रमुखों को एक एडवाइजरी भी जारी की है, ताकि लोग सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए अपनी आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही खुफिया जानकारी भी जुटा सकें.

आईटीबीपी ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट : बीते 17 जून को एक खबर में एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बयान दिया था कि यहां अब तक सीमा पर कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं हुई है. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने गृहमंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिति बेहद शांतिपूर्ण है, लेकिन नागरिक वाहनों की आवाजाही बहुत ज्यादा बढ़ गयी है.

अप्रैल और मई में चीनी हेलीकॉप्टरों ने हवाई क्षेत्र का किया उल्लंघन : मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी हेलीकॉप्टरों ने 11 अप्रैल, 20 अप्रैल और मई के पहले हफ्ते में तीन बार हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले के सुमदोह सेक्टर में हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था. 1962 में चीन के इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं थी. आईटीबीपी के पास 260 किमी की सीमा में 20 पोस्ट हैं. वहां निगरानी करना बहुत ही कठिन है. हालांकि, सेना के साथ संयुक्त पेट्रोलिंग हमेशा होती रहती है, लेकिन इलाके में पूरी तरह से निगरानी नहीं होने की वजह से चीन किसी भी समय घुसपैठ कर सकता है.

किन्नौर सीमा में सड़क निर्माण करा रहा चीन : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में मोरंग घाटी क्षेत्र के खेमकुल्ला पास की ओर सड़क का निर्माण करा रहा है. चीन की तरफ बनाई जा रही सड़क नो मेंस लैंड में होने की आशंका है. बताया जा रहा है कि इस गांव के नौ लोगों की टीम 16 खच्चर और 5 पोर्टर के साथ लगभग 22 किलोमीटर दूर सीमा तैनात थी. इस दल के साथ चीन सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात आईटीबीपी के जवान भी शामिल थे. खेमकुल्ला पास पहुंच कर जब इस टीम ने तिब्बत की ओर हालात का जायजा लिया, तो वे दंग रह गये.

दो महीने में 20 किलोमीटर सड़क बना चुका है चीन : पिछले दो महीने के दौरान चीन ने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में चीन अधिकृत तिब्बत की सीमा के करीब 20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करा लिया है. टीम के सदस्यों के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर तक तिब्बत के आखिरी गांव तांगो तक ही सड़क बनी थी. जहां सड़क निर्माण जारी है, वहां 5 क्रेन और कई बड़े डम्पर भी देखे गए हैं.

यमरंग ला में भी सड़क बना रहा है चीन : इतना ही नहीं, चीन हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के सांगला घाटी के ठीक सामने सीमा पार यमरंग ला की ओर से भी सड़क का निर्माण करा रहा है. हालांकि, आने वाले सर्दी के मौसम में सड़क का निर्माण कार्य थोड़ा धीमा पड़ सकता है, लेकिन विशेषज्ञों की राय यह भी है कि बर्फ चीन के सड़क निर्माण में किसी प्रकार का रोड़ा खड़ा नहीं कर सकता.

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Posted By : Vishwat Sen

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