China money laundering, china: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस रैकेट में कई चीनी नागरिक, उसके भारतीय सहयोगी और बैंक कर्मचारी शामिल हैं. आयकर विभाग ने मंगलवार को दिल्ली, गाजियाबाद और गुरुग्राम में चीनी कंपनियों, उनके भारतीय सहयोगियों और कुछ बैंक अफसरों के घर छापेमारी भी की.
सीबीडीटी के मुताबिक, जांच में पता चला है कि चीन के लोगों के नाम पर शेल कंपनियों में 40 से ज्यादा अकाउंट खोले गए और इनमें 1000 करोड़ से ज्यादा की रकम अब तक भेजी गई है. एएनआई के मुताबिक, सीबीडीटी ने बताया है कि उन्हें गुप्त जानकारी मिली थी कि कुछ चीनी व्यक्तियों और उनके भारतीय सहयोगी शेल संस्थाओं की मदद से मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन में शामिल थे.
इसके बाद इन चीनी संस्थाओं, उनके करीबी दोस्तों और बैंक कर्मचारियों के परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया गया. आयकर विभाग ने अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है. कहा जा रहा है कि यह एक बहुत बड़ा नेक्सस हैं जो फर्जी कंपनियों के आधार पर हवाला का कारोबार कर रहा था.
Search action revealed that at the behest of Chinese individuals, more than 40 bank accounts were created in various dummy entities, entering into credits of more than Rs 1,000 crores over the period: CBDT https://t.co/GDa2O4c4Sp
— ANI (@ANI) August 11, 2020
दरअसल, शुरुआती जांच में 300 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का पता चला. लेकिन यह आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है. यानी इस जांच में आगे कई बड़े खुलासे होने हैं. आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि चीनी नागरिकों के आदेश पर फर्जी कंपनियों के 40 से अधिक बैंक अकाउंट्स में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा कराई गई थी.
सीबीडीटी ने कहा है कि चाइनीज कंपनियों की सब्सिडियरी कंपनियों और संबंधित लोगों ने शेल कंपनियों से भारत में फर्जी बिजनस करने के नाम पर करीब 100 करोड़ का एडवांस लिया है. लेनदेन में हांगकांग और यूएस डॉलर का इस्तेमाल हुआ था.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में चीन के एक नागरिक लुओ संग को पकड़ा गया जो भारत में चार्ली पंग के नाम से रह रहा था,उसके पास से मणिपुर के पते से बने हुआ एक फर्ज़ी भारतीय पासपोर्ट भी बरामद हुआ है. उसके फर्जी नामों से 8 से 10 बैंक एकाउंट हैं,वो कई चीनी कंपनियों के लिए भारत में हवाला का ऑपेरशन देखता था.
Posted By: Utpal kant